प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि राम मंदिर पर अध्यादेश तभी लाया जा सकता है जब कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाए। पीएम के इस बयान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बुधवार को नागपुर में कहा, पीएम ने चाहे जो भी कहा हो, इस मसले पर मेरा पक्ष साफ है। हमारी राम में आस्था है और दृढ़ता से इस बात को मानते हैं कि अयोध्या में केवल राम मंदिर बनेगा।

भागवत ने कहा कि वह संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी के बयान का समर्थन करते हैं। जोशी का बयान पीएम मोदी के इंटरव्यू के बाद आया था। संघ ने राम मंदिर निर्माण की दिशा में पीएम मोदी के बयान को सकारात्मक बताया था। भैयाजी जोशी ने कहा था कि हम पहले ही मांग रख चुके हैं कि राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाया जाए। जो सत्ता में हैं उन्होंने भी कहा था कि राम मंदिर बनना चाहिए। भागवत ने कहा, अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर बनेगा। उन्होंने कहा, हमारी भगवान राम में आस्था है। वह समय बदलने में समय नहीं लेते।

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, “हमने राम जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री का बयान देखा है। यह मामला 69 साल से कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला उनकी प्राथमिकता में नहीं है। अब यह सुनवाई 4 जनवरी को हो रही है, लेकिन जिस बेंच को सुनवाई करनी थी, उसका गठन नहीं हुआ है। अब यह फिर से सीजेआई की कोर्ट में आ गया है।”

गौरतलब है कि आरएसएस इस मामले पर लगातार अपना पक्ष रख रही है। 1 जनवरी को आरएसएस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दत्तात्रेय होसबले के हवाले से ट्वीट करते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संविधान के दायरे में उपलब्ध सभी संभावित प्रयास करने का वादा किया है। भारत की जनता ने उनपर विश्वास व्यक्त कर बीजेपी को बहुमत दिया है।

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