उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि दिव्यांगजनों के शरीर में एक कमी होती है तो उनमें अतिरिक्त रूप से कोई न कोई विशेषता है, हमें उन खूबियों को पहचान कर उनके मार्गदर्शन की आवश्कता होती है। राम नाईक ने सोमवार को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर यहां आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में पात्र दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण वितरित किये। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के शरीर में यदि एक कमी होती है तो उनमें अतिरिक्त रूप से कोई न कोई विशेषता होती है। दिव्यांगजनों में सामान्य मनुष्य से भी आगे जाने की क्षमता है। उनकी क्षमताओं को देखते हुये उन्हें उचित मार्गदर्शन और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि जो आगे बढ़ता है भाग्य भी उसी का साथ देता है। हमारा कर्तव्य है कि दिव्यांगजनों की विशेषता को समाज के सामने लाया जाये ताकि दूसरे लोग उनसे प्रेरणा प्राप्त कर सकें। उन्होंने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिये चलायी जा रही योजनाओं एवं नये निर्णयों की सराहना की। राज्यपाल ने सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों, दिव्यांगजनों के लिये सर्वश्रेष्ठ प्रेरणा स्रोत, सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी, दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों एवं स्वैच्छिक संगठनों तथा कक्षा दस एवं 12 उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
राम नाईक ने कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगों को मिलने वाली सहायता राशि को 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया है। विवाह के लिये मिलने वाली धनराशि को 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 35 हजार रुपये कर दिया है तथा दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रही गैर सरकारी संस्थाओं का मानदेय भी बढ़ाया। धनराशि का बढ़ाना राज्य सरकार की दिव्यांगों के प्रति संवेदनशीलता दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि दिव्यांग बच्चों की किताबों का खर्च, स्कूल ड्रेस एवं स्कूल आने जाने का परिवहन व्यय भी केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस वास्तव में सिंहावलोकन का अवसर है। राज्य सरकार अच्छे कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थानों को सम्मानित करती है ताकि उनमें उत्साह बना रहे।
–साभार, ईएनसी टाईम्स