व्यापमं घोटाले मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सीबीआई ने बड़ी राहत दी है। सीबीआई ने हार्ड डिस्क से छेड़-छाड़ के मामले में  शिवराज सिंह चौहान को आरोपी मानने से इंकार कर दिया है। सीबीआई ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में व्यापमं मामले में चार्जशीट पेश की, जिसमें 490 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि जांच एजेंसियों द्वारा जब्त की गई हार्ड डिस्क के साथ किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। ऐसे में सीबीआई ने दिग्विजय सिंह के हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज कर दिया है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को क्लीनचिट दे दी है।

सीबीआई ने यह भी कहा है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट और सीबीआई को सौंपी गई दो पेन ड्राइव झूठे दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई थीं। बता दें कि इस घोटाले से जुड़े 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 16 लोगों की मौत व्यापमं घोटाले में राज्य पुलिस द्वारा आरोपी बनाए जाने से काफी पहले ही हो चुकी थी। सीबीआई ने इन मौत के पीछे किसी तरह की साजिश से इनकार किया है। सीबीआई ने कहा कि कई लोगों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है।

सीबीआई ने पीएमटी 2013 के मामले में जिन 490 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया है, उनमें तीन व्यापमं के अधिकारी, तीन रैकेटियर, 17 बिचौलिए, 297 सॉल्वर और 170 अभिभावक हैं, जिनके बच्चों को परीक्षा में फायदा हुआ है। मध्य प्रदेश में दाखिले और भर्ती घोटाले में शामिल संदिग्धों को बचाने की कथित साजिश की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। जांच एजेंसी को 24 लोगों की मौत की जांच करने के लिए कहा गया था। जांच में पाया गया कि 24 मौतों में से 16 लोगों की मौत व्यापमं घोटाले में राज्य पुलिस द्वारा आरोपी बनाए जाने से काफी पहले ही हो चुकी थी।

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