सीएम योगी का अयोध्या और राम मंदिर प्रेम जगजाहिर है। यही प्रेम ही है कि सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का यह दूसरा अयोध्या दौरा है। योगी यहां पर रामचंद्र परमहंस की 14वीं पुण्यतिथि पर उनको श्रंद्धाजलि देने पहुंचे थे। रामचंद्र परमहंस राम मंदिर आंदोलन के अगुवाई कर्ता थे। योगी ने अयोध्या पहुंचने के बाद रामचंद्र परमहंस को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि राममंदिर निर्माण परमहंस का सपना था। उन्होंने कहा कि सकारात्मक राजनीति से ही राम मंदिर विवाद का हल निकल सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे पहले मैं रामभक्त हूं। रामजन्म भूमि देश का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आंदोलन है और मैं राम मंदिर पर बात करने ही अयोध्या आया हूं।

अयोध्या दौरे पर आए सीएम योगी ने इस बार सबसे पहले अपने आवभगत को किनारा किया। प्रशासन ने राम चंद्र परमहंस की समाधि स्थल को खाली कराया। संतों को भी समाधि स्थल से हटाया गया। प्रशासन के इस कार्यवाही से संत समाज भले ही नाराज हो किंतु जनता और मीडिया से योगी सरकार बच गई। यहां पर उन्होंने महंत सुरेश दास से मुलाकात की। उसके बाद समीप के सभास्थल से लोगों को संबोधित किया।

इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में पिछले 31 मई को मुख्यमंत्री बनने के बाद पूजा-अर्चना की थी। पिछले 26 सालों में अयोध्या जाकर पूजा अर्चना करने वाले योगी पहले मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले वर्ष 1991 में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ अयोध्या जाकर पूजा अर्चना की थी। योगी का राम मंदिर पर नीति एकदम साफ है। वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द राम मंदिर पर काम शुरू हो जाए। राम मंदिर विवाद को लेकर उन्होंने अपनी एक नकारामत्मक भूमिका भी बना ली थी। किंतु अब वो यूपी के सीएम हैं इसलिए अपने हर भाषण में वो मेलजोल बढ़ाने की बात करते हुए काफी नपी-तुली बात बोलते हैं।

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