केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय ईसाई महासंघ द्वारा आयोजित समारोह में कहा कि ‘‘हम जीतें या हारें, हम लोगों के बीच भेदभाव नहीं करेंगे’’। देशभर में सामूहिक धर्मांतरण रुकना चाहिए। वह किसी भी धर्म के अनुसरण की आजादी का समर्थन करते हैं लेकिन उनकी राय है कि सामूहिक धर्मांतरण किसी भी देश के लिए चिंता की बात है और इसलिए इस विषय पर बहस जरूरी है।

उन्होंने कहा कि जहां तक सरकार की बात है तो किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा। गृहमंत्री ने ईसाई संगठन से कहा, “आप लोगों को प्रबुद्ध बनाना चाहते हैं। यह आपकी कोशिश है ठीक? हम नंबर बढ़ाने के चक्कर में क्यों पड़े हैं? क्या हमें किसी पर राज करना है?

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने कभी अपने जीवन में जाति, वर्ण और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया है। हमें वोट मिलें या नहीं मिलें। हम सरकार बनाएं या नहीं बनाएं। हम जीतें या हारें। लेकिन हम लोगों के बीच भेदभाव नहीं करेंगे। यही हमारे प्रधानमंत्री का कहना है।’’ सिंह ने कहा कि बिना प्रेम के कोई भी सत्ता और शासन में नहीं रह सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी प्रेम से ही शासन कर सकता है। कोई दूसरा तरीका नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं ईसाई समुदाय को लेकर एक चीज और कहूंगा। हम किसी के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते। आपने भी सुना होगा। अगर कोई व्यक्ति किसी धर्म को अपनाना चाहता है तो उसे ऐसा करना चाहिए। इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन अगर सामूहिक धर्मांतरण शुरू होता है, तो बड़ी संख्या में लोग धर्म बदलना शुरू कर देते हैं, तो यह किसी भी देश के लिए चिंता की बात हो सकती है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के बीच डर की भावना भरने की कोशिशें हो रही हैं। कहा जा रहा है कि ‘‘भाजपा आ गई। अब गड़बड़ होगा। हम डर की भावना भरकर देश नहीं चलाना चाहते। हम विश्वास के साथ देश चलाना चाहते हैं। किसी के अंदर अलगाव की भावना नहीं होनी चाहिए।

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