सरकारी नियुक्तियों में होने वाली लेट-लतीफी से अब कम से कम रेलवे विभाग छुटकारा पाने जा रहा है। जानकारी के अनुसार रेलवे अब अपने सभी परीक्षाओं को ऑनलाइन करने जा रहा है, जिससे नियुक्ति की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। इसके लिए रेलवे ने काम करना शुरू कर दिया है।

दरअसल रेलवे कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। वास्कोडिगामा-पटना एक्सप्रेस के 24 नवंबर को पटरी से उतरने के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और महाप्रबंधकों की बैठक में यह बात सामने आई थी। इस बैठक में रेलवे जोनल प्रमुखों ने रिक्तियों का मुद्दा उठाया था और सलाह दी थी कि भर्ती प्रक्रियाओं को छोटा और सुलभ बनाया जाए। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक भर्ती प्रक्रिया इतनी लंबी होती है कि कई बार भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही अभ्यर्थियों को वैकल्पिक नौकरियां मिल जाती हैं। इससे रेलवे को वांछित मानव संसाधनों का नुकसान होता है।

वहीं एक और सदस्य ने कहा कि जोनल रेलवे को अपनी रिक्तियों की सूचना रेलवे बोर्ड को देने की बजाए सीधे आरआरबी को देने की अनुमति देना चाहिए। इससे भी स्टाफ भर्ती में कम वक्त लगेगा।

इस पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने कहा था कि रेलवे भर्ती बोर्ड को भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा करनी चाहिए और इसे अधिकतम 6 महीने के भीतर ही पूरा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी विभागों को इस संबंध में 20 दिसंबर तक प्रस्ताव और सुझाव मांगे हैं।

आपको बता दें कि दिसंबर, 2016 में रेलवे कर्मचारियों की संख्या 13 लाख थी। इस वक्त ग्रुप सी और डी में 2,25,823 जगह खाली हैं, जबकि 1,22,911 पद सिक्योरिटी कैटेगरी में खाली हैं। वहीं 17,464 पद लोको रनिंग स्टाफ के रिक्त हैं।

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