नोटबंदी का सिर दर्द भले ही आम जनता के लिए खत्म हो गया हो लेकिन राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला पर अभी भी यह सिरदर्द का विषय बना हुआ है। हालांकि यह अप्रत्यक्ष रूप से सिर दर्द का विषय बना है। दरअसल, अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ एक स्थानीय अदालत में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दाखिल किया है। यह मामला 2016 में नोटबंदी के वक्त पांच दिन के भीतर 750 करोड़ रुपये बदलने के ‘घोटाले’ में बैंक के शामिल होने के उनके आरोपों से जुड़ा है। बता दें कि राहुल गांधी और सुरजेवाला ने कथित रूप से आरोप लगाए थे कि आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की पीएम मोदी की घोषणा के पांच दिन के भीतर एडीसीबी ने 745.59 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा किए।

खबरों के मुताबिक, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट एस के गढवी ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत मामले में अदालती जांच (कार्यवाही चलाने के लिए समुचित आधार है या नहीं इस पर फैसले के लिए छानबीन) का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई 17 सितंबर को होगी। बता दें कि मुंबई के एक एक्टिविस्ट द्वारा दायर आरटीआई पर नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) ने जवाब जारी किया था, जिसके बाद राहुल और सुरजेवाला ने आरोप लगाए थे।

अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने अपने वकील एस वी राजू के जरिए अदालत के समक्ष अर्जी में कहा है कि दोनों कांग्रेस नेताओं की ओर से दिया गया बयान झूठा था क्योंकि बैंक ने इतनी बड़ी राशि बदली ही नहीं।

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