भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार के हिसाब से चीन से आगे निकल जाएगा। विश्व आर्थिक मंच में दक्षिण एशिया के लिए रणनीतिक परिदृश्य सत्र को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि चीन ने दक्षिण एशियाई देशों में बुनियादी ढांचे के सृजन का जो वादा किया है भारत इसका सृजन करने के मामले में उससे बेहतर स्थिति में होगा।

राजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है, जबकि चीन में वृद्धि दर धीमी पड़ रही है। एक दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2019 में 7.5 प्रतिशत और 2020 में 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि चीन की रफ्तार 2019 और 2020 में 6.2 फीसदी रह सकती है। राजन ने कहा ऐतिहासिक रूप से क्षेत्र में भारत की बड़ी भूमिका रही है लेकिन भारत की तुलना में चीन काफी आगे निकल चुका है, उसने क्षेत्र में भारत के मुकाबले अपने को खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है जबकि चीन में वृद्धि दर धीमी पड़ रही है।

राजन ने कहा, ‘भारत अंतत: चीन से बड़ा बनेगा भारत क्योंकि चीन की रफ्तार धीमी पड़ेगी और भारत आगे बढ़ता जाएगा। ऐसे में क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का सृजन करने के लिए भारत अधिक बेहतर स्थिति में होगा, जिसका वादा चीन आज कर रहा है। यह प्रतिस्पर्धा क्षेत्र के लिए अच्छी है और इससे निश्चित रूप से फायदा होगा।

राजन का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि चीन क्षेत्र में नेपाल और पाकिस्तान सहित कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहा है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2017 में भारत 2,590 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। वहीं चीन 12,230 अरब डॉलर जीडीपी के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

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