दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन यानी सार्क सम्मेलन पर लगातार दूसरे साल भी अड़चने  आ सकती है। भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्ते और विश्व स्तर पर पाकिस्तान के आतंकी रवैये पर लगातार सबकी नजर बनीं हुई है। जिससे कयास लग रहा है कि पछले साल की तरह इस साल भी सार्क सम्मेलन स्थगित हो सकता है। बता दें 2016 में पाक द्वारा आतंक को समर्थन की बात पर भारत, अफगानिस्तान और बांग्लादेश ने सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। उस दौरान सार्क सम्मेलन की मेजबानी पाकिस्तान करने वाला था।

सार्क के देशों ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। जिसके बाद लगने लगा है कि इस साल भी सार्क सम्मेलन की बैठक नहीं होगी। दरअसल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सालाना बैठक से हटकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सार्क देशों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में आतंकवाद का मुद्दा छाया रहा। खबरों के मुताबिक पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा बैठक में सार्क सम्मेलन की मेजबानी का मुद्दा उठाया। बैठक में पाकिस्तान ने कहा कि वह जल्द ही सार्क देशों की बैठक आयोजित करना चाहता है।  

हालांकि मीडिया के मुताबिक दूसरे देशों के प्रतिनिधियों ने बैठक में कहा कि, ‘बैठक के लिए माहौल अनुकूल नहीं है’। इसके अलावा सभी देशों ने इसपर सहमति भी जताई और कहा कि जब तक पाकिस्तान की स्थिति नहीं सुधरती है तब तक पाकिस्तान को बैठक नहीं करनी चाहिए। गौतरलब है कि आम तौर पर सार्क सम्मेलन का बैठक नवबंर में आयोजित होता है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र जनरल एसेंबली के दौरान सुषमा स्वराज के साथ सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की हुई बैठक में भी भारत ने सार्क सम्मेलन के लिए कोई रूचि नहीं दिखाई है।

इसके अलावा सार्क देशों की विदेश मंत्रियों के बैठक में हिस्सा ले रही भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद दक्षिण एशिया के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए गंभीर खतरा है।

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