कृषि कानून के खिलाफ किसान सर्द हवाओं के बीच एक महीने से दिल्ली की दहलीज यानी की गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान कृषि कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। सरकार अपनी जिद पर अड़ी है तो किसानोंका रूख साफ है “कृषि कानून रद्द करने पर ही यहां से हटेंगे।” कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है पर कोई हल नहीं निकला। 30 दिसंबर को फिर वार्ता होने वाली है। मंत्री आंदोलन खत्म होने की उम्मीद जता रहे हैं।

किसानों का ये आंदोलन अब कृषि कानून v/s सरकार v/s अंबानी- अडानी के खिलाफ हो गया है। किसानों का मनना है कि नए कृषि से उद्योगपितयों को अधिक फायदा होने वाला है। उद्योगपतियों की खिलाफत करते हुए कृषि कानून के विरोध में पंजाब में रिलायन्स के पेट्रोल पंप को बंद कर दिया है। राज्य में जियो के मोबाइल टावरों को क्षतिग्रस किया गया है। 1500 से अधिक मोबाइल टावर को तोड़ दिया गया है। राज्य में कुल 9,000 जियो के मोबाइल टावर हैं।

टावर टूटने के कारण एक जिला दूसरे- जिले से कट गया है। लोग अपने साथियों से बात नहीं कर पा रहे हैं। एटीएम से पैसे निकालना मुश्किल हो रहा है। साथ ही रात अंधेरे में गुजर रही है। बिजली के खंभो को तोड़ा गया है। फोन में नेटवर्क न होने के कारण देश दुनिया की हाल से पंजाब के लोग बेखबर हैं।

बता दें कि, पिछले कुछ दिन के दौरान जिन टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है उनमें से लगभग 700 की जियो ने मरम्मत कर दी है। मंगलवार दोपहर तक 826 साइटें बंद थी। सूत्रों ने बताया कि अमृतसर, बठिंडा, चंडीगढ़, फिरोजपुर, जालंधर, लुधियाना, पठानकोट, पटियाला और संगरूर वगैरह पर टावर को नुकसान पहुंचाया गया। 

उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया है, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को मोबाइल टॉवरों की तोड़फोड़ और राज्य में दूरसंचार सेवाओं को बाधित करने के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी और पुलिस को निर्देश दिया कि वे इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों का सहारा लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। बयान में मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया है कि वह पंजाब में किसी भी प्राइवेट या पब्लिक प्रॉपर्टी के नुकसान को बर्दाश्त नहीं करेंगे। 

साथ ही देश के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से शांत रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि, अगर राजनीतिक दलों की स्पर्धा करनी है तो इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी, स्पीड और स्केल पर चर्चा होनी चाहिए। कई आंदोलनों और प्रदर्शनों में देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, ये संपत्ति किसी सरकार या पार्टी की नहीं, बल्कि आपकी ही है। ऐसे में अगर किसी संपत्ति को नुकसान होता है, तो गरीब का नुकसान होता है।

वहीं दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने टावरों को क्षति न पहुंचाने की अपील की है। किसान संगठनों ने कहा कि, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। मोबाइल फोन टावरों को नुकसान पहुंचाने में किसी भी भूमिका से इनकार करते हुए, किसान नेताओं ने सिंघु सीमा से अपनी अपील में कहा कि किसी भी कंपनी के मोबाइल टॉवर और बुनियादी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने केवल कंपनी के बहिष्कार का आह्वान किया था।

बता दें कि पंजाब में उग्र प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस का हाथ है इस तहर का आरोप बीजेपी लगा रही है। नरेंद्र मोदी भी अपने भाषण में कई बार कह चुके हैं कि, विपक्ष को राजनीति करनी हैं तो करें लेकिन भोले-भाले किसानों को नहीं बहकाएं।

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