राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने 26/11 को मुंबई आतंकवादी हमले में शहीद हुए ‘बहादुर पुलिस और सुरक्षा बलों को’ सोमवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और इस घटना में मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति सहानुभूति एवं एकजुटता व्यक्त की। कोविंद ने श्रद्धांजलि संदेश में कहा,“आज से 10 वर्ष पहले मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों से प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों को हम याद करते हैं। अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को हमारा नमन। न्याय को सुनिश्चित करने और आतंकवाद को परास्त करने के लिए भारत पूर्णतया प्रतिबद्ध है।”
आज से दस वर्ष पहले मुंबई में हुए आतंकी हमलों से संतप्त व्यक्तियों और परिवारों को हम याद करते हैं। अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को हमारा नमन। न्याय को सुनिश्चित करने और आतंकवाद को परास्त करने के लिए भारत पूर्णतया प्रतिबद्ध है — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 26, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “मुंबई में भयावह 26/11 के आतंकवादी हमलों में अपनी जान गंवा चुके लोगों को श्रद्धांजलि। शोकाकुल परिवारों के साथ हमारी एकजुटता।” उन्होंने लिखा, “आभारी देश हमारी बहादुर पुलिस और सुरक्षा बलों के आगे झुकता है जिन्होंने मुंबई हमलों के दौरान आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ाई की।”
Tributes to those who lost their lives in the gruesome 26/11 terror attacks in Mumbai.
Our solidarity with the bereaved families.
A grateful nation bows to our brave police and security forces who valiantly fought the terrorists during the Mumbai attacks.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2018
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा,“संविधान दिवस पर हम अपने संविधान सभा में सेवा करने वाले महान लोगों के उल्लेखनीय योगदान को गर्व के साथ याद करते हैं। हमें अपने संविधान पर गर्व है और इसमें शामिल मूल्यों को बनाए रखने के लिए हम अपनी वचनबद्धता दोहराते हैं।” संविधान दिवस (राष्ट्रीय कानून दिवस) हर साल 26 नवंबर को भारत के संविधान को अपनाने के लिए मनाया जाता है। संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था और यह 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ था। मोदी सरकार ने 26 नवंबर को सरकारी अधिसूचना के जरिये संविधान दिवस के रूप में घोषित किया है।
गौरतलब है कि भारत में अब तक के सबसे भयावह इस आतंकवादी हमले में 26 नवंबर 2008 को मुंबई में समुद्र के रास्ते दाखिल हुए चंद पाकिस्तानी आतंकवादियों ने सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी थी। सुप्रसिद्ध ताज होटल को जला दिया था। यहूदियों की रिहाइश वाले नरीमन हाउस भी हमले का शिकार हुआ था। हताहतों में भारतीय नागरिकों के अलावा अमेरिका एवं इजरायल के नागरिक भी शामिल थे।
-साभार, ईएनसी टाईम्स