संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल में मध्यरात्रि में आयोजित विशेष सत्र में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी की लॉन्चिंग की। जीएसटी लॉन्चिंग से पहले देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कानून किसी एक दल या सरकार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह देश की साझी विरासत है। पढ़िए पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातें-

  • यह महज एक आर्थिक प्रक्रिया नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक घटना है और सवा सौ करोड़ देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं। आज इस मध्‍य रात्रि के समय हम सब मिलकर देश के आगे बढ़ने का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं। यह महज एक आर्थिक सुधार नहीं सामाजिक सुधार है। यह एक ऐसी एक ऐसी व्‍यवस्‍था को जन्म देगी जो भ्रष्टाचार से निजात दिलाकर ईमानदारी को अवसर देती है। जीएसटी से 500 प्रकार के टैक्‍सों से मुक्ति मिल गई। इस पूरी व्‍यवस्‍था में 20 लाख तक का कारोबार करने वाले छोटे व्‍यापारियों को मुक्ति दे दी गई है।
  • यह सेंट्रल हॉल एक पवित्र जगह है। यही वह स्‍थान है जिसे देश के महान राजनेताओं पंडित नेहरू, मौलाना आजाद, सरदार पटेल, बाबा साहब अंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद और सरोजनी नायडूने सुशोभित किया है। यह वही स्‍थान है जहां संविधान सभा की पहली बैठक हुई और 14 अगस्‍त 1947 की आजादी के ऐतिहासिक रात का यह हाल गवाह रहा। मुझे नहीं लगता कि जीएसटी के लिए इस स्‍थान से बढ़कर कोई और महत्‍वपूर्ण स्‍थान हो सकता है।
  • पीएम मोदी ने कहा जीएसटी किसी एक दल या सरकार की उपलब्धि नहीं बल्कि हम सबकी साझी विरासत है। जीएसटी को लेकर राज्यों के अपने संशय थे, लेकिन हम सबने मिलकर इसका समाधान तलाशा और आगे बढ़ें। इसलिए जीएसटी ‘टीम इंडिया’ का भी परिचायक है।
  • पीएम मोदी ने जीएसटी द्वारा देश के आर्थिक एकीकरण की तुलना भारत के एकीकरण से की। उन्होंने कहा जिस तरह से सरदार बल्लभ भाई पटेल ने रियासतों के एकीकरण का काम किया था, उसी तरह से जीएसटी से आर्थिक एकीकरण का कार्य होगा। ‘श्रीगंगानगर से ईटानगर तक, लेह से लक्षद्वीप तक ‘वन नेशन वन टैक्‍स‘ की व्‍यवस्‍था लागू होने जा रही है।’
  • पीएम मोदी ने जीएसटी काउंसिल के सदस्यों को बधाई दिया। इस अवसर पर जीएसटी काउंसिल के पहले अध्यक्ष डॉ. असीमदास गुप्ता भी मौजूद थे। पीएम ने कहा जीएसटी के बारे में मुझे पहली शिक्षा उनसे एक बैठक में मिली थी। पीएम ने कहा जीएसटी काउंसिल इसलिए भी बधाई की पात्र है क्योंकि काउंसिल की अब तक 18 बार बैठक हो चुकी है पर किसी भी निर्णय को लेने के लिए आज तक वोटिंग नहीं करानी पड़ी। सभी टैक्स स्लैब सर्वसम्मति से तय हुए।PM Modi
  • पीएम ने इस अवसर पर जीएसटी को गीता से जोड़ते हुए कहा कि जिस तरह से गीता में 18 अध्याय हैं वैसे ही जीएसटी काउंसिल की भी अभी तक 18 बैठकें हुई हैं। यह एक शुभ संयोग और संकेत है। इस अवसर पर पीएम ने गीता और ऋग्वेद के श्लोकों का भी पाठ किया।
  • जीएसटी पर उठ रही आशंकाओं के बीच मोदी ने ‘नए चश्मे’ का उदहारण दिया। उन्होंने कहा जैसे आपको आंख चेक कराने पर अगर डॉक्टर आपको नए नंबर की सलाह देता है और आप ‘नया चश्मा’ भी बनवाते हो। पर उस नए चश्में में आपको एकाध दिन आंख ऊपर-नीचे कर के ‘एडजस्ट’ करना पड़ता है। जीएसटी भी उसी नए चश्में सरीखा है, आपको शुरु में थोड़ा बहुत तो एडजस्ट करना ही पड़ेगा। पर आपको भविष्य में इसका लाभ मिलेगा। आप लोग कृपया इस पर आशंका मत कीजिए।
  • कई लोग कह रहे हैं कि हर किसी को टेक्नोलॉजी नहीं आती और इस कारण उन्हें टैक्स रिटर्न फाइल करने में दिक्कत होगी। पर हर परिवार में अगर 10वीं-12वीं का छात्र है और उसे सब आता है। वह 10वीं-12वीं का बच्चा भी छोटे व्यापारी की मदद कर सकता है।
  • अपने स्वभाव के मुताबिक जीएसटी को पुनः परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा जीएसटी का अर्थ सिर्फ ‘गुड्स एंड सर्विस टैक्स’ नहीं बल्कि ‘गुड एंड सिंपल टैक्स‘ है। यह कर व्‍यवस्‍था को सरल बनाने का काम करेगा। इससे 500 प्रकार के करों से मुक्ति मिलेगी और इससे निर्यात भी बढ़ेगा। यह ‘फेडरलिज़्म’ को भी बढ़ावा देगा और केंद्र और राज्‍य मिलकर निश्चित दिशा में काम करेंगे। यह सभी राज्‍यों को विकास के समान अवसर उपलब्ध कराएगा।

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