सिक्किम में नाथूला के रास्ते होने वाली मानसरोवर तीर्थयात्रा अब रद्द हो गई है। जिसके बाद दिल्ली में यात्रा के लिए जमा हुए तीसरे जत्थे के श्रद्धालुओं को अब वापस लौटा पड़ा है। यह फैसला सरकार ने भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए लिया है।

बता दें कि पहले तो चीन ने पहले दो जत्थों को यात्रा के लिए वीजा जारी कर दिया था। फिर 20 जून को चीन द्वारा यात्रा रोक देने के बाद यात्रियों को वापस सिक्किम लौट आना पड़ा। इसी के बाद श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था गंगटोक से आगे नहीं गया और आखिरकार सभी श्रद्धालुओं  को वहां से भी वापस लौट आने को कहा गया है।

गौरतलब है कि कुछ दिनों से भारत और चीन सीमा पर तनातनी बढ़ गई है। यहां दोनों तरफ के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई थी, जिसके बाद चीन ने भारत को सीमा से अपने सैनिकों को हटाने को कहा था। चीन ने शर्त रखी थी कि भारत जब तक दोकलाम इलाके से अपने सैनिकों को नहीं हटाएगा तब तक वह श्रद्धालुओं को तिब्बत में प्रवेश करने की मंजूरी नहीं देंगे।

हालांकि इस साल सिक्किम में नाथूला के जरिये तो कैलाश मानसरोवर की यात्रा नहीं होगी, लेकिन उत्तराखंड में लिपूलेख दर्रे के रास्ते तीर्थयात्रा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी। उधर इस पर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक अधिकारी का कहना है कि “जिन श्रद्धालुओं को नाथूला दर्रे के रास्ते चीन में प्रवेश करने की मंजूरी नहीं दी गई, उन्हें उत्तराखंड के रास्ते होने वाली यात्रा में शामिल होने की मंजूरी दी जा सकती है, पर तब जब  इस रास्ते से श्रद्धालुओं की कुछ रिक्तियां होंगी।”

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