यमुना प्राधिकरण एक्सप्रेसवे के किनारे तीन सुदंर और स्मार्ट शहर बसाने के लिए योगी सरकार पूरी तैयारी कर रही है। इस प्रोजेक्ट के लिए संक्षेप में योजना बनाई जा रही है। खबर है कि हर शहर में पांच-पांच लाख की आबादी होगी। ये शहर खुद में आत्मनिर्भर होंगे। बिजली, पानी, सीवर सफाई सब कुछ आत्मनिर्भर तरह से होगा। यातायात प्रबंधन, सुरक्षा और इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में अंतर्राष्ट्रीय मानक उपयोग किए जाएंगे।

यमुना प्राधिकरण द्वारा मिली जानकारी के अनुसार विकास प्राधिकरण अब गौतम बुद्ध नगर से बाहर जाना चाहता है। वे अलीगढ़, आगरा और मथुरा में अपनी विकास योजनाएं लेकर जाना चाहते हैं।

प्राधिकरण इस योजना को दो हिस्सों में लागू करने की तैयारी कर रही है। पहले हिस्से में अलीगढ़ और आगरा, मथुरा शामिल है। समांतर रूप से औद्योगिक विकास भी किया जाएगा। 

प्राधिकरण चाहता है कि जिन उद्योगों को वहां भूमि आवंटन किया जाए, उन्हें आवश्यक मूलभूत सुविधाएं मिलती रहें। इसके लिए मथुरा के राया क्षेत्र में न्यू वृंदावन नाम से शहर बसाया जाएगा। 

ये होगी खासियत

ट्रैफिक सिस्टम : तीनों शहरों में स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम रहेगा। सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहनों के लिए अलग व्यवस्था होगी। शहर को ट्रैफिक सिग्नल रहित रखा जाएगा। इससे प्रदूषण घटेगा।

सीवर का पानी नदी में नहीं गिरेगा : इन शहरों से निकलने वाला सीवर का पानी नदियों में नहीं डाला जाएगा। तीनों शहर जीरो डिस्चार्ज जोन होंगे। पानी को रिसाइकिल करके दोबारा बागवानी और उद्यान सिंचाई में इस्तेमाल किया जाएगा।

पर्यावरण के प्रति प्रेम : ये शहर पर्यावरण के प्रति संजीदगी की भावना पर आधारित होंगे। न्यू वृंदावन शहर भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणाओं को परिलक्षित करेगा, जिसमें पर्यावरण संरक्षण की भावना भी नजर आएगी।

बिजली की आत्मनिर्भरता : इन शहरों में ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा। शहर में सार्वजनिक स्थानों और सामूहिक उपयोग में सौर ऊर्जा का ही इस्तेमाल होगा। शहर में आकर बसने वाले लोगों को भी अपनी जरूरत का कम से कम 50 फीसदी हिस्सा सौर ऊर्जा से हासिल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

वाटर रिचार्ज पर जोर होगा : इन तीनों शहरों में रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए जितने भूगर्भ जल या दूसरे जल स्रोतों का उपयोग किया जाएगा, प्राधिकरण उतना ही पानी बारिश के जरिए रिचार्ज करने की योजना बना रहा है। इसके लिए निजी और सार्वजनिक भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित होंगे।

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