नाम में क्या रखा है आदमी तो काम से बड़ा बनता है। लेकिन यहां बात ठीक उलटी है। यहां नाम बदलने को लेकर काफी विवाद हो गया है। दरअसल, दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज का नाम दयाल सिंह मॉर्निंग कॉलेज में बदलने के बाद उसका नाम ‘वंदेमातरम् कॉलेज’ रखने के कॉलेज के प्रस्ताव पर मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रोक लगा दी है। उधर कॉलेज प्रशासन का कहना है कि दोनों ही कॉलेजों का नाम मार्निंग हो जाने से छात्रों में कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो जाएगी और पूरी व्यवस्था भी उथल-पुथल होने लगेगी।

इसका नाम वंदेमातरम् रखने के प्रस्ताव पर सियासत गर्मा गई थी।  एक तरफ जहां स्कूल के अंदर से विरोध के स्वर उठने लगे थे तो वहीं इस मसले पर अकाली दल और बीजेपी से विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने बगावत कर दी। सिरसा ने इसे सिख धर्म के अपमान से जोड़ दिया था। लेकिन बीते दिनों संसद में हुई बहस के बाद मानव संसाधन  विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस प्रस्ताव को रोक दिया और नाम बदलने पर भी रोक लगा दी। इस फैसले से छात्रगण काफी खुश हैं।

दूसरी तरफ इस कॉलेज में फैली अव्यवस्था और असुविधाओं पर भी सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़ा यह दयाल सिंह कॉलेज केवल 11 एकड़ में फैला है और इस में 9000 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में ना इस कॉलेज में प्ले ग्राउंड है और ना ही लाइब्रेरी। छात्रों का कहना है कि कॉलेज में फैली असुविधा पर से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। इसीलिए ये नाम बदलने का मामला उठाया जा रहा है। हालांकि नाम बदलने को लेकर कॉलेज ने बताया कि अब तक उसे मिनिस्ट्री या यूनिवर्सिटी से कोई निर्देश नहीं मिला है।

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