पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उनकी अस्थि कलश यात्रा के सियासी मायने लगाये जा रहे हैं, लेकिन झारखंड के लोगों के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को भुला पाना आसान नहीं।  झारखंड की स्थापना के पीछे उनका अहम योगदान रहा है और शायद यही वजह है कि राज्य के मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का एलान कर दिया।

लेकिन सरकार के इस एलान ने विपक्ष को रघुवर दास पर निशाना साधने का मौका भी दे दिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रघुवर सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, ‘पाठ्यक्रम में अटलजी की जीवनी शामिल करने की बजाय पक्ष और विपक्ष के बीच परस्पर सम्मान की भावना पैदा करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। ‘

वहीं कांग्रेस भी सरकार पर चुटकी लेने में नहीं चूकी। झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने रघुवर सरकार को सलाह देते हुए कहा कि, ‘पूर्व प्रधानमंत्री का सम्मान होना चाहिए लेकिन उसके साथ हीं आरएसएस पर भी एक पाठ्यक्रम होना चाहिए, ताकि लोगों को यह सच्चाई मालूम हो सके कि कैसे वो अंग्रेजों का साथ देते थे। ‘

अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ विपक्ष बेशक खुल कर कुछ बोलने की स्थिति में ना हो, लेकिन इतना तो साफ है कि उनके नाम को बीजेपी जिस तरह से लोकसभा चुनाव में भुनाने की कोशिश कर रही है वह विपक्ष को रास नहीं आ रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here