नोटबंदी और फाइटर प्लेन राफेल डील पर गुरुवार को दिन भर सियासी गहमागहमी रही। अगले चुनाव तक इन दोनों ही मुद्दों को गरमाए रखने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस ने इन मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने देश भर में जगह-जगह धरना प्रदर्शन किया। दिल्ली में भी प्रधानमंत्री आवास पर धरना देने की कोशिश की गई। शाम को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मीडिया से रूबरू हुए और दोनों ही मसले पर पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष और उद्योगपति अनिल अंबानी पर निशाना साधा।

बीजेपी ने भी पलटवार किया। नोटबंदी और फाइटर प्लेन पर राजधानी दिल्ली के सियासी गलियारों में जमकर फाइट हुई। 2019 के लोकसभा चुनाव तक दोनों ही मुद्दों को जिंदा रखने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस के युवा इकाई के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने की कोशिश की। युवा कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास तक मार्च निकाला। ये मार्च कांग्रेस मुख्यालय से लेकर पीएम आवास तक निकाला गया। शाम के वक्त राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार को घेरा।

नोटबंदी को अपराध बताते हुए राहुल गांधी ने उसे लागू करने के औचित्य पर सवाल उठाए और नोटबंदी के जरिए चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगाया। राहुल गांधी ने फ्रांस के साथ फाइटर प्लेन राफेल के सौदे को लेकर भी मोदी सरकार पर कई सवाल दागे। कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार से जानना चाहा कि यूपीए सरकार के दौरान जिस विमान का सौदा 520 करोड़ रुपये में हो रहा था। मोदी सरकार ने उसके लिए 1600 करोड़ रुपये में सौदा क्यों और किसे फायदा पहुंचाने के लिए किया।

कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था कि अनिल अंबानी भारी कर्ज के बोझ में दबे हैं। और मोदी सरकार राफेल सौदे में उन्हें शामिल कर फायदा पहुंचा रही है। कांग्रेस के वार पर बीजेपी ने पलटवार किया। अनिल अंबानीन ने भी कांग्रेस की तरफ से लगाए जा रहे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया।

बता दें कि अनिल अंबानी ने इसी मसले पर कांग्रेस को मानहानि का नोटिस भी भेजा है। फ्रांस के साथ राफेल विमान के लिए यूपीए सरकार के दौरान समझौता किया गया था तब 126 विमान खरीदे जाने थे। इसमें से 18 विमान रेडी टू फ्लाई और शेष 108 विमान टेक्नोलॉजी ऑफ ट्रांसफर के तहत यहां एचएएल में निर्माण होना था। मोदी सरकार ने जो समझौता किया है उसमें मात्र रेडी टू फ्लाई के लिए 36 राफेल खरीद की बात है।

मोदी सरकार लड़ाकू विमानों को और अधिक अत्याधुनिक बनाए जाने की बात कह रही है। लेकिन सरकार कीमतों को लेकर सरकार को घेर रही है। कांग्रेस को लगता है सियासी महाभारत में लोगों की नजर कीमतों पर ज्यादा होती है। क्वालिटी पर कम। इसलिए कांग्रेस अपने आरोपों में यूपीए सरकार और मोदी सरकार के दौरान हुए समझौते में विमान की कीमतों को ही केंद्र में रख रही है।

एपीएन ब्यूरो

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