मोदी सरकार में मंत्री और एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार एनडीए में चली आ रही खींचतान पर बड़ा बयान दिया है। बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे के मामले में केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कुछ लोग जानबूझ कर एनडीए में मतभेद पैदा करने के लिए अफवाह फैला रहे हैं। इस बीच उपेंद्र कुशवाहा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल की एक मुलाकात के बाद भी यह सवाल उठ रहा है कि क्या खीर के बाद अब कुशवाहा महागठबंधन मे जाने की खिचड़ी तो नहीं पका रहे हैं।

दरअसल गुरुवार को ऐसी खबर आई थी कि बीजेपी ने बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर एक फॉर्मूला सुझाया है, जिसके तहत बीजेपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है, वहीं जदयू को 12  सीट देने पर विचार कर रही है। केंद्रीय मंत्री तथा RLSP नेता उपेंद्र कुशवाहा ने NDA के भीतर सीट बंटवारे को लेकर कहा कि एनडीए में कुछ लोग हैं जो नहीं चाहते हैं कि मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बनें। ऐसे लोग जान-बूझकर इस तरह की अफवाहें फैलाते हैं, ताकि NDA में मतभेद पैदा हों।

उपेंद्र कुशवाहा का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह एनडीए की सीट शेयरिंग फॉर्मूले से खुश नहीं हैं। हालांकि इससे पहले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के महासचिव माधव आनंद ने ट्वीट कर सीट बंटवारे की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विट किया था कि अगर आरएलएसपी की जानकारी के बिना ऐसा हुआ है तो ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

इस बीच उपेंद्र कुशवाहा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल की एक मुलाकात के बाद भी यह सवाल उठ रहा है कि क्या खीर के बाद अब कुशवाहा महागठबंधन मे जाने की खिचड़ी तो नहीं पका रहे हैं। दरअसल में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता भुजबल को दिल से एयरपोर्ट से स्वागत करके झंडा-बैनर के साथ महाराष्ट्र सदन ले आए।

राजनीति में तो किसी दूसरे दल के नेता के साथ बैठने के भी मायने निकाल लिए जाते हैं, यहां तो आरएलएसपी ने न सिर्फ उनका स्वागत किया बल्कि कुशवाहा ने उनसे मुलाकात भी की। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या खीर के साथ-साथ कुशवाहा महागठबंधन में जाने की खिचड़ी भी पका चुके हैं। आरएलएसपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कहते हैं “उपेंद्र कुशवाहा को आगे बढ़ाने में छगन भुजबल ने काफी मदद की है। दोनों के व्यक्तिगत संबंध है। कुशवाहा उन्हें अपना राजनैतिक गुरु मानते हैं। भुजबल ओबीसी की लड़ाई लड़ रहे हैं, हमारी पार्टी भी लड़ रही है, इसलिए उनसे जुड़ाव है और कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

एपीएन ब्यूरो

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