खेत के विवाद में किसानों पर खाकी का कहर टूट पड़ा। मामला सहारनपुर जिले के मिर्जापुर थाना क्षेत्र का है। पुलिस चार किसानों को पकड़कर थाने लाई थी, जहां तीन किसानों पर पुलिसिया कहर टूट पड़ा। तीनों की डंडे और पट्टे से जमकर पिटाई की गई। किसानों के शरीर पर काले और गहरे दाग उभर आए हैं। पुलिस की मार पिटाई से एक किसान को दिल का दौरा पड़ा तो पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। तब जाकर ये मामला मीडिया के सामने आया।

भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। खाकी का कहर टूटता है तो उसका अंजाम क्या होता है। किसानों के शरीर पर पड़े गहरे जख्म उसका उदाहरण हैं। सहारनपुर जिले के मिर्जापुर थाना क्षेत्र के नूरपुर भरावड़ गांव के किसीन तीन भाइयों नसीम, शमीम व फ़िरोज़ के बीच खेत की सीमा को लेकर विवाद हुआ तो पुलिस उन्हें थाने ले आई।

पुलिस नसीम के पुत्र तौकीन को भी पकड़ लाई। आरोप है कि पुलिस ने थाने में उनकी लाठी और पट्टे से बेरहमी से पिटाई की। पुलिस की पिटाई से किसान गम्भीर रूप से घायल हो गए। पुलिसिया थर्ड डिग्री से किसान शमीम को हार्ट् अटैक आ गया। इस घटना की सूचना मिलते ही भारतीय किसान यूनियन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बेहट तहसील में प्रदर्शन किया और सीओ से मिलकर विरोध जताया। परिजनों के साथ मिलकर बीकेयू नेताओं ने बेहट तहसील में परिसर में धरना भी दिया और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

सीओ  ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। किसानों ने पुलिस प्रशासन को मिर्जापुर थाने के इंस्पेक्टर और दारोगा के खिलाफ कार्रवाई के लिए 27 अगस्त तक वक्त दिया है। बीकेयू नेताओं का कहना है कि अगर 27 अगस्त तक कार्रवाई नहीं की गई तो 28 अगस्त को जिले भर के किसान मिर्जापुर थाने का घेराव करेंगे। किसानों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

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