प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। इस सिक्के को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में उनके जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले जारी किया गया है। संसद के एनेक्सी भवन में आयोजित समारोह में वाजपेयी के खास सहयोगी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहे।

बता दें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 25 दिसंबर को हर साल ‘सुशासन दिवस’ मनाया जाता है। वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने वाजपेयी का इसी साल 16 अगस्त को 93 साल की उम्र में निधन हो गया।

स्मारक सिक्के पर सामने की तरफ भारत का प्रतीक चिह्न है। इस पर अशोक स्‍तंभ और इसके नीचे देवनागिरी लिपी में ‘सत्‍यमेव जयते’ अंकित है। सिक्के पर देवनागिरी लिपी में ‘भारत’ और रोमन अक्षरों में ‘INDIA’लिखा है। प्रतीक चिह्न के नीचे सिक्के का मूल्य 100 अंकित है। सिक्के के दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर और देवनागिरी व रोमन लिपि में उनका नाम लिखा गया है। उनके जन्म और निधन का साल 1924-2018 भी इस पर अंकित है।

सिक्का जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा मन आज भी नहीं मानता है कि अटलजी हमारे बीच में नहीं हैं, राजनीतिक मंच से करीब एक दशक दूर रहने के बावजूद भी देश ने इतने शानदार तरीके से उन्हें विदाई दी वह काफी खास है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिद्धांतों और कार्यकर्ता के बल पर अटलजी ने इतना बड़ा राजनीतिक संगठन खड़ा किया और काफी कम समय में देशभर में उसका विस्तार भी किया।

उन्होंने कहा कि अटलजी के बोलने का मतलब देश का बोलना और सुनने का मतलब देश को सुनना था। उन्होंने कहा कि अटलजी ने लोभ और स्वार्थ की बजाय देश और लोकतंत्र को सर्वोपरि रखा और उसे ही चुना। उन्होंने कहा कि अटलजी ने जो चाहा है उसे हर हाल में पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी हमेशा लोकतंत्र को मजबूत करना चाहते थे, यही कारण रहा कि जब जरूरत पड़ी तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का गठन किया।

आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वहीं, इसी साल 16 अगस्त को 94 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया था। अटल बिहारी वाजपेयी 2009 से ही लंबी बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले करीब 8-9 साल से राजनीति से दूर थे।

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