केंद्र सरकार के पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कमी के बावजूद इनके दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसके चलते अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेल कंपनियों के मुखियाओं से मिलेंगे और पीएम बड़ी विदेशी और देशी तेल कंपनियों के चीफ एग्जीक्यूटिव से भी मिलेंगे। अमेरिका ने ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है जो कि चार नवंबर से असर में आएगा। इसी बीच वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में अस्थिरत बरकरार है। ऐसे में यह मुलाकात काफी अहम है। बता दें कि सरकार की ओर से तेल कीमतों में कमी के बाद भी लगातार हर रोज दाम बढ़े हैं और इसकी वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम पुराने स्तर तक पहुंच चुके हैं। पेट्रोल के दाम रविवार को देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में इस प्रकार रहे- 82.72, 88.18, 84.54 और 85.99 रुपये प्रति लीटर।

बता दें कि डीजल की कीमतें भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डीजल का भाव रविवार को दिल्ली में 75.38 प्रति लीटर, मुंबई में 79.02, कोलकाता में 77.23 और चेन्नई में 79.71 रुपये प्रति लीटर रहा। राज्यों  में टैक्स  की अलग-अलग दरों के चलते कीमतों में अंतर आता है। जहां पर भी वैट ज्यादा होता है वहां पर पेट्रोल-डीजल महंगे होते हैं जबकि इसके कम होने पर पेट्रोल-डीजल सस्ता होता है। तेल अभी तक जीएसटी के दायरे में नहीं है। चारों महानगरों में दिल्ली में पेट्रोल-डीजल पर सबसे कम टैक्स लगता है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे  तेल की कीमतों में बढ़ोत्तारी हो रही है। इसके चलते भी कीमतों पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। ब्रिटिश ब्रेंट क्रूड की कीमतें 85 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा चुकी है। इससे पहले अक्टूबर की शुरुआत में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्सापइज ड्यूटी में डेढ़ रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। इसके अलावा सरकारी तेल कंपनियों से एक रुपया प्रति लीटर कम करने को कहा था। हालांकि उपभोक्तावओं को इस कदम का ज्यादा फायदा नहीं हुआ क्योंकि अब कीमतें लगभग उसी स्तर पर फिर से पहुंच गई हैं।

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