भारत में पिछले एक साल से चल रहे किसान आंदोलन के बीच PM Narendra Modi ने देश को 35 नई किस्म की फसलों की वेराइटी समर्पित की। किसान नेताओं से चल रही रस्साकशी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीटर हैंडल से किसानों के विकास और तरक्की के लिए कई रास्ते सुझाए हैं। इसके अलावा पीएम मोदी ने किसानों के फायदे के लिए सरकारी योजनाओं के विषय में भी विस्तार से बात की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि हाल ही में अभियान चलाकर केंद्र सरकार ने 2 करोड़ से ज्यादा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया है। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि जब साइंस, सरकार और सोसायटी एकसाथ मिलकर काम करेंगे तो उसके नतीजे और भी बेहतर आएंगे। यही कारण है कि आज किसानों को और बेहतर तरीके से मौसम की जानकारी मिल रही है। किसानों और वैज्ञानिकों का ऐसा गठजोड़, आने वाली नई चुनौतियों से निपटने में देश की ताकत को बढ़ाएगा। यही नहीं किसानों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए हमने उन्हें बैंकों से मिलने वाली मदद को और आसान बनाया है।
खेती में परंपरा के साथ विज्ञान का मेल भी जरूरी
पीएम मोदी ने किसानों से कहा है कि खेती की जो हमारी पुरानी परंपरा है, उसके साथ-साथ मार्च टू फ्यूचर भी उतना ही आवश्यक है। फ्यूचर की जब हम बात करते हैं तो उसके मूल में आधुनिक टेक्नॉलॉजी है, साथ ही खेती के लिए नए औज़ार भी हैं। आधुनिक कृषि मशीनों और उपकरणों को बढ़ावा देने का परिणाम आज हम सभी को दिखाई दे रहा है। साइंस और रिसर्च के समाधानों से अब मिलेट्स और अन्य अनाजों को और विकसित करना ज़रूरी है। इसका मकसद यह है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में, अलग-अलग ज़रूरतों के हिसाब से इन्हें उगाया जा सके।
बीते 6-7 सालों में साइंस और टेक्नॉलॉजी को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है। विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में नई परिस्थितियों के अनुकूल अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि किसानों को सिर्फ फसल आधारित इनकम सिस्टम से बाहर निकालकर, उन्हें वैल्यू एडिशन और खेती के अन्य विकल्पों से मिलने वाले लाभ के लिए प्रेरित किया जा सके।
तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी कहते हैं कि इसके कारण जो नए प्रकार के कीट, नई बीमारियां, महामारियां आ रही हैं, इससे इंसान और पशुधन के स्वास्थ्य पर भी बहुत बड़ा संकट आ रहा है और फसलें भी प्रभावित हो रही है। इन पहलुओं पर गहन वैज्ञानिक रिसर्च की निरंतर ज़रूरत है।
किसान आंदोलन की जड़ यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने MSP में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि रबी के सीजन में किसानों से 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदा गया है और इसके लिए किसानों को 85 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है।
किसानों के लाभ के लिए चल रही हैं कई योजनाएं
किसानों को पानी की सुरक्षा देने के लिए हमने सिंचाई परियोजनाएं शुरू की। इसके अलावा दशकों से लटकी करीब-करीब 100 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान भी हमारी सरकार ने चलाया। फसलों को रोगों से बचाने के लिए और ज्यादा उपज के लिए किसानों को नई वैरायटी के बीज भी दिए गए।
खेती-किसानी को जब सुरक्षा कवच और संरक्षण मिलता है तब उसका और तेजी से विकास होता है। किसानों की जमीन को सुरक्षा देने के लिए हमारी सरकार ने उन्हें अलग-अलग चरणों में 11 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिए। पिछले वर्ष ही कोरोना से लड़ाई के बीच में हमने देखा है कि कैसे टिड्डियों के दल ने देश के अनेक राज्यों में फसलों पर बड़ा हमला कर दिया था। सरकार ने और देश के किसानों ने बहुत प्रयास करके टिड्डियों के उस हमले को रोका था औप फसलों को ज्यादा नुकसान होने से बचाया था।