प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से चार देशों की यात्रा पर हैं। वह आज से 3 जून तक 4 यूरोपीय देश जर्मनी,स्पेन,रूस और फ्रांस के दौरे पर होंगे।  इस दौरे से भारत को कूटनीतिक और आर्थिक तौर से फायदा होने की उम्मीद है।  इस दौरे के दौरान मोदी 20 से ज्यादा कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे और उनकी नज़र 6 अहम मुद्दों पर होगी जिसमें इकोनॉमिक, डिफेंस, साइंस, इन्फॉर्मेशन-टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर एनर्जी जैसे अहम एजेंडे शामिल है।  इतना ही नहीं मोदी इन देशों के बिजनेस लीडर्स को ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के तहत भारत में कारोबार करने के लिए इनवाइट भी करेंगे।

PM Modi on a four-nation tour, Take part in 20 programsआपको बता दें कि मोदी के इस दौरे की शुरुआत जर्मनी के बर्लिन के पास मेसेबर्ग से होगी।  यहां वह जर्मन चांसलर एंजेला मोर्केल के साथ मीटिंग में भाग लेंगे। इसके बाद 30 मई को मोदी मोर्केल के साथ द्विपक्षीय बातचीत में शामिल होंगे। यह बातचीत चौथे इंडिया-जर्मनी इंटर-गवर्नमेंटल कॉन्सुलेशन्स (आईसीजी) के तहत होगी। इसके बाद दोनों नेता भारत- जर्मनी के बिजनेस लीडर्स से मिलेंगे। बाद में मोदी जर्मनी के प्रेसिडेंट डॉ. फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर से मुलाकात करके 30 मई की ही रात को स्पेन के लिए निकल जाएंगे।

किसी भी भारतीय पीएम की करीब तीन दशकों में यह पहली स्पेन यात्रा होगी।  मोदी यहां  इन्फ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और रेलवे पर फोकस करते हुए स्पेन के किंग फिलिप VI और प्रेसिडेंट मारियानो राजॉय से मिलेंगे।  रेलवे के साथ कारोबार करने की इच्छुक स्पेन की हल्के कोच बनाने वाली कंपनी टेल्गो के अफसर से भी मोदी मिलेंगे।

स्पेन के बाद मोदी रूस में 31 से 2 जून तक रहेंगे। दौरे की शुरुआत में मोदी पिस्कारोवस्कोए सिमिट्री जाएंगे, जहां वे लेनिनग्राद संघर्ष में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देंगे। यहां वह  राष्ट्रपति पुतिन के साथ सेंट पीटर्सबर्ग में 18वें भारत-रूस एनुअल मीटिंग में हिस्सा लेंगे। 2 जून को यहां मोदी इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में भी हिस्सा लेंगे जिसमें 1 हजार ग्लोबल इन्वेस्टर्स शामिल होने वाले हैं।

यहां भारत का एजेंडा विदेशी निवेश, रक्षा और परमाणु उर्जा होगा वहीं रूस की कोशिश कुडनकुलम न्यूक्लियर प्रोजेक्ट के पांचवें और छठवें प्लांट को बनाने का करार करने की होगी। यहां भारत चीन के प्रोजेक्ट वन रोड-वन बेल्ट के मुद्दे को भी उठा सकता है क्योंकि  रूस में भी इसका विरोध हो रहा है। 2 जून को मोदी यात्रा का आखिरी पड़ाव  फ्रांस होगा।  पेरिस में मोदी फ्रांस के नए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से चर्चा करेंगे। इस दौरान दोनों देशों का स्ट्रैटजिक रिलेशन मजबूत होने की उम्मीद है। यहां दोनों देशों के बीच आतंकवाद अहम मुद्दा होगा क्योंकि दोनों ही आतंकवाद से पीड़ित हैं।

आपको बता दें कि  मोदी अपने तीन साल के कार्यकाल में अब तक 45 देशों की यात्रा कर चुके हैं। और अब इस यात्रा में  कुल मिलाकर भारत की नजर फ्रांस, जर्मनी और स्पेन के सफर के दौरान भारत और यूरोपीय यूनियन (ईयू) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर होगी इस यात्रा का  यह सबसे बड़ा मकसद है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here