PM Modi Live: 100 सालों में नहीं देखी इतनी भयंकर महामारी, ऑक्सीजन के लिए युद्ध स्तर पर हुआ काम

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कोरोना काल के बीच एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। संबोधन को प्रारंभ करते हुए पीएम ने सबसे पहले कोरोना काल में जिन्होंने अपनो को खो दिया है उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम ने कहा कि, उनकी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। पीएम ने कहा, देश दूसरी लहर से लड़ाई लड़ रहा है। अन्य देशों की तरह भारत भी गहरी पीड़ा में है।

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी महामारी 100 साल में नहीं आई, देश ने कई मोर्चों पर एक साथ लड़ाई लड़ी है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में हेल्थकेयर स्ट्रक्चर को बढ़ाया गया। मेडिकल ऑक्सीजन की इतनी कमी कभी नहीं हुई, सेना की तीनों टुकड़ियों को लगाया गया और दुनिया के हर कोने से जो कुछ लाया जा सकता था, वो किया गया।

देश को संबोधित करते हुुए पीएम ने कहा कि, पिछले 100 सालों में कभी भी इतनी भयंकर महामारी नहीं देखी। ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ी। इससे पहले ऑक्सीजन को लेकर इतनी मांग कभी नहीं हुई थी। सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया है। हेल्थ सुविधाओं को पहले से कही अधिक बेहतर किया गया है। ऑक्सीन की कमी के लिए मिशन इंद्रधनुष चलाया गया ताकि, सभी को ऑक्सीजन सही मात्रा में मिल सके।

पीएम ने जनता की तारीफ करते हुए कहा, कोरोना के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार कोरोना गाइडलाइंस है और वैक्सीन सुरक्षा कवच है। पीएम आगे कहते हैं, देश में वैक्सीन की मांग युद्ध स्तर पर है लेकिन वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों की संख्या काफी कम है। भारत के पास अगर अपनी वैक्सीन ना होती तो हाल कुछ और होता, पिछले 50-60 साल का इतिहास यही कहता है कि हमारे यहां दुनिया में वैक्सीन आने के कई दिनों बाद टीका आता था।

वैक्सीन विस्तार पर पीएम मोदी ने कहा, साल 2014 से पहले वैक्सीन कवरेज महज 60 प्रतिशत ही था। अगर इसी गती से चलते तो वैक्सीन तक पहुंचने में 40 साल लग जाते। हमने वैक्सीनेशन की स्पीड बढ़ाई और दायरा भी बढ़ाया, बच्चों को भी इस अभियान का टीका बनाया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत को कोरोना ने घेर लिया था, लेकिन एक ही साल में भारत ने दो वैक्सीन बनाई और अबतक 23 करोड़ वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी हैं।

वैक्सीन किल्लत पर पीएम ने कहा कि, आने वाले समय में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ जाएगी। साथ ही सप्लाई की तेजी भी बढ़ने वाली है। भारत में 7 कंपनियों को वैक्सीन का प्रोडक्शन दिया गया है। साथ ही तीन वैक्सीन का परीक्षण पहले से ही किया जा रहा है। दूसरे देशों से वैक्सीन खरीदने की गती को तेज किया गया। बच्चों को लेकर भी दो वैक्सीन का ट्रायल तेज़ी से चल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि देश में नेज़ल वैक्सीन पर भी रिसर्च की जा रही है, इसे सीरिंज से ना देकर नाक से स्प्रे किया जाएगा।

पीएम ने कहा, वैक्सीन बनने के बाद कम ही देशों में वैक्सीनेशन प्रारंभ हो पाया है। अधिकतर बड़े देशोें में ही वैक्सीनेश हो पाया। WHO ने कुछ शर्तें भी रखी। भारत सरकार ने गाइडलाइंस के अनुसार काम किया है। राज्य के मंत्रियों के साथ बैठक के बाद ही टीकाकरण का फैसला लिया गया।

पीएम ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर के पहले अगर फ्रंट लाइन वर्कर का टीकाकरण नहीं किया जाता तो देश बड़ी मुश्किल में पड़ जाता। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर भी हमला किया। पीेएम ने कहा जब कोरोना मामले कम होने लगे तो सवाल उठने लगा कि, सब फैसला केंद्र क्यों कर रही है। राज्य का फैसला राज्य को ही दिया जाए।

पीएम ने कहा, सरकार की मांग को स्वीकार करते हुए उन्हें राज्यों का अधिकार दे दिया गया। 16 जनवरी के बाद देश में जहां भी टीकाकरण हुआ वह राज्य सरकार की निगरानी में हुआ है। पीएम ने एक बार फिर विपक्ष पर हमला किया। पीएम ने कहा, वैक्सीनेश ऐज ग्रुप को लेकर भी खूब सवाल खड़ा हुआ।

पीएम मोदी ने कहा कि जब राज्यों ने दबाव बनाया तो एक मई से 25 फीसदी काम राज्यों को सौंपा गया, जिसके बाद सभी ने अपने-अपने स्तर पर काम किया। राज्यों को पता चला कि दुनिया में वैक्सीनेशन की क्या स्थिति है, इस बीच कोरोना की दूसरी वेव भी आ गई। वैक्सीन का काम राज्यों पर छोड़ा जाए, जो ये कहते थे उनके भी विचार बदलने लगे।

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