प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंडली-मनेसर-पलवल एक्सप्रेसवे (KMP) का उद्घाटन कर दिया है। एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने के बाध प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुग्राम में एक रैली को भी संबोधित किया। इस एक्सप्रेस के उद्घाटन के साथ ही अब राजधानी दिल्ली को बाहर से आने वाले वाहनों से राहत मिलेगी। इस एक्सप्रेस-वे की मदद से राजधानी को प्रदूषण से राहत मिलेगी।

एक्सप्रेस-वे के अलावा प्रधानमंत्री ने श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने यहां से ही बल्लभगढ़-मुजेसर मेट्रो की शुरुआत भी की। एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से अब दिल्ली में आने वाले करीब 40 फीसदी बड़े वाहन बाहर से ही दूसरे राज्य में जा सकेंगे।

इस परियोजना के निर्माण पर लगभग 6400 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है। इस परियोजना के तहत पहले केएमपी एक्सप्रेस-वे का निर्माण 4 लेन का करवाया जाना था लेकिन यह एक्सप्रेस-वे अधूरा रह गया। सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे के महत्व को देखते हुए न केवल इस पर निर्माण दोबारा शुरू करवाया बल्कि इसे 6 लेन का बनवाया।

कुंडली से मानेसर तक का यह हिस्सा 83.320 किलोमीटर लंबा है। इस हिस्से पर 4 आरओबी, 14 छोटे-बड़े ब्रिज मिलाकर, 56 ऐग्रिकल्चरल व्हीक्यूलर अंडरपास और अन्य अंडरपास, 7 इंटरसेक्शन और 7 टोल प्लाजा बनाए गए हैं। इस हिस्से पर मीडियन की चौड़ाई 8 मीटर रखी गई है। पहले यात्रियों के लिए खोले जा चुके केएमपी एक्सप्रेस-वे की लंबाई लगभग 52.330 किलोमीटर है, जिस पर 32 ऐग्रिकल्चरल व्हीक्यूलर अंडरपास और अन्य अंडरपास, 3 इंटरसेक्शन और 4 टोल प्लाजा बनाए गए हैं।

मानेसर से पलवल तक के इस हिस्से पर 15 जुलाई 2018 से टोल क्लेक्शन का काम शुरू किया जा चुका है। इस एक्सप्रेस-वे को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि लाइट वीइकल 120 किलोमीटर प्रति घंटा और हैवी वीइकल 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से चल सकते हैं। उत्तरी हरियाणा को दक्षिणी जिलों से जोड़कर उन्हें हाई स्पीड कनेक्टिविटी देने के उद्देश्य से इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है।

इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ उन्हें प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों के जिलों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। बेहतर कनेक्टिविटी मिलने के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर क्षेत्रों में प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट आएगी। इस एक्सप्रेस-वे के आस-पास हरियाली का भी विशेष तौर पर ध्यान रखा गया है और मीडियन पर छोटे वृक्ष लगाए जाएंगे। इसके अलावा अर्जुन, नीम और शीशम के पेड़ भी आस-पास लगाए जा रहे हैं।

आम लोगों की सुविधा के लिए चार ऐसे स्थानों को चिह्नित किया गया है, जहां लोगों को सड़क के किनारे सुविधाएं दी गई है। इसके अलावा, जल संरक्षण के लिए मीडियन में लगाए गए पौधों को पानी देने के लिए टपक सिंचाई प्रणाली की व्यवस्था की गई है। एक्सप्रेस-वे के सौंदर्यीकरण का विशेष तौर पर ध्यान रखते हुए विभिन्न स्थानों पर आकर्षक फव्वारों के अलावा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्मारक प्रदर्शित किए गए हैं।

केएमपी एक्सप्रेस-वे चार नैशनल हाइवे को आपस में जोड़ता है, जिससे भविष्य में औद्योगिक, वाणिज्यिक और अन्य आवासीय गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस एक्सप्रेस-वे को दिल्ली के आउटर रिंग रोग के रूप में देखा जा सकता है।

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