देश भर में आज मकर संक्रांति की धूम है। गंगा घाटों पर लोगों की लंबी भीड़ लगी है। आज संक्रांति के साथ भारत में पोंगल समेत कई त्योहारों को मनाया जा रहा है। माना जाता है कि आज के दिन स्नान करने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है। आस्था के इस पर्व पर नेता-अभिनेता अपने चाहने वालों को मकर संक्रांति की बधाई दे रहे हैं।

पीएम मोदी ने दी बधाई

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को संक्रांति की बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “देशवासियों को मकर संक्रांति की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि उत्तरायण सूर्यदेव सभी के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करें।”

वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीठाधीश्वर के रूप में गोरखनाथ मंदिर में सुबह 4 बजे गुरु गोरखनाथ को आस्था की खिचड़ी चढ़ाकर परंपरागत रूप से मनाई जाने वाली मकर संक्रांति की शुरआत की। खिचड़ी चढ़ाने के बाद मंदिर के भ्रमण पर निकले गोरक्षपीठाधीश्वर ने लोगों को मकरसंक्रांति पर्व की शुभकामनाएं भी दी।

योगी आदित्यनाथ ने किया परंपरागत पूजा अर्चन

गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने परंपरागत पूजन अर्चन कर खिचड़ी चढ़ाई इसके बाद आमजन ने खिचड़ी चढ़ानी शुरू कर दी जो सिलसिला अनवरत जारी है। गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए 48 घंटे पहले से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। दूरदराज से आए श्रद्धालु मंदिर में देर रात से ही लाइन लगाना शुरू कर दिए थे। भोर तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु लाइन में खड़े हो खिचड़ी चढ़ाने केलिए अपनी बारी आने का इंतजार करने लगे।

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योगी आदित्यनाथ के बाद गोरक्षपीठ एवं नेपाल नरेश की ओर से खिचड़ी चढ़ाई गई। परंपरानुसार नेपाल राजपरिवार से गोरखनाथ मंदिर में हर साल चढ़ाने के लिए खिचड़ी आती है। फिर आमजन के खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ। इसी के साथ सवा महीना तक चलने वाले गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेला का शुभारंभ किया गया।

गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रसाद स्वरुप खिचड़ी खिलाने की परंपरा है। शुद्ध देशी घी में बनी खिचड़ी सबको पूरे दिन परोसा जाएगा। आम हो या खास खिचड़ी खाने मंदिर हर साल यहां आता है।

मकर संक्रांति का महत्व

पर्व मकर राशि में सूर्य की संक्रान्ति को ही मकर संक्रांति कहते हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाता है और नए साल पर अच्छे दिनों की शुरुआत हो जाती है।

यह पर्व सूर्य के राशि परिवर्तन करने के साथ ही सेहत और जीवनशैली से इसका गहरा नाता है। इन सबके साथ ही यह लोगों की धार्मिक आस्था का भी पर्व है। वहीं यह पर्व किसानों की मेहनत से भी जुड़ा है, क्योंकि इसी दिन से फसल कटाई का समय हो जाता है। वैसे तो इस दिन कई ऐसी चीजें हैं जो खाई जाती हैं, जैसे मूंगफली, दही चुड़ा, गुड़, तिल के लड्डू और खिचड़ी। लेकिन तिल और गुड़ का खास महत्व होता है। 

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