भारत की जन्नत कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से हालात ठीक नहीं है। घाटी में सेना की स्थिति, पत्थरबाजी, और आतंकवाद से कश्मीर के साथ-साथ पूरा देश चिंता में है। घाटी में दिन-प्रतिदिन बढ़ती हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार खास तौर पर प्रधानमंत्री मोदी काफी चिंतित हैं। कश्मीर को लेकर पीएम की चिंता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद उन्होंने भाजपा कोर समूह की बैठक बुलाई। इस बैठक में कश्मीर के बिगड़ते हालात को लेकर चर्चा हुई। करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में जम्मू से भाजपा नेता और केंद्र में मंत्री जितेंद्र सिंह समेत रक्षा और वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, वैंकेया नायडू और पार्टी महामंत्री राम लाल भी मौजूद थे।

पीएम ने घाटी के हालात का लिया जायजा

इस बैठक में पीएम मोदी को कश्मीर के ताजा हालात से अवगत कराया गया। इस दौरान पिछले हफ्ते घाटी के दौरे पर गए सेना प्रमुख का आंकलन, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से सेना प्रमुख की बातचीत और खुफिया विभाग की रिपोर्ट्स के बारे में भी पीएम मोदी को विस्तृत जानकारी दी गई। जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के रवैये से सेना और भाजपा दोनों में नाराजगी है।

महबूबा से बीजेपी है खफा

जब से भाजपा और पीडीपी का गठबंधन हुआ है तभी से दोनों पार्टियों के रिश्ते कुछ ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं। भाजपा की राज्य इकाई लगातार महबूबा मुफ्ती के बर्ताव और काम करने के तरीके को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करती रही है। कश्मीर के बिगड़ते हालात की वजह से पीएम मोदी की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे है और इससे उनकी छवि भी कमजोर हुई है। जिसकी वजह से अब भाजपा ने इस मसले पर पीडीपी को सख्त रवैया दिखाने के मूड में है। ऐसे में अब इस विकल्प पर भी जोर दिया जा रहा है कि क्या बीजेपी पीडीपी से गठबंधन तोड़कर राष्ट्रपति शासन की ओर कदम बढ़ा सकती है।

कश्मीर पर केंद्र सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

गौरतलब है कि हाल ही में बेहद संवेदलशील स्थिति में संपन्न हुए कश्मीर के उपचुनाव में महबूबा मुफ्ती अपने भाई को जिताकर उसे केंद्र की राजनीति का हिस्सा बनाना चाहती थी। हालांकि उनके मंसूबे कारगार नहीं हुए क्योंकि उनके भाई उपचुनाव में हार गए। फिलहाल महबूबा मुफ्ती 23 अप्रैल को दिल्ली के दौरे पर जा रही हैं। जिसके बाद अप्रैल के आखिरी दिनों में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दो दिनों के दौरे पर जम्मू जाएंगे। इस बीच सरकार की कोशिश कश्मीर के हालात को सुधारने की होगी और अगर ऐसा नहीं हुआ तो संभवत: केंद्र सरकार कश्मीर पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है।

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