लॉ मिनिस्टर्स के सम्मेलन में बोले PM Modi-कानून ऐसे बनाएं, जो गरीबों को भी समझ आ जाए

देश ने डेढ़ हज़ार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिया है।

0
207
APN News Live Updates
APN News Live Updates

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तब लोकहित को लेकर सरदार पटेल की प्रेरणा हमें सही दिशा में भी ले जाएगी और हमें लक्ष्य तक भी पहुंचाएगी। पीएम ने कहा कि हमारे समाज की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि वो प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए खुद में आंतरिक सुधार भी करता चलता है। हमारा समाज अप्रासंगिक हो चुके कायदे-कानूनों, गलत रिवाजों को हटाता भी चलता है।

PM Modi: कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित पीएम मोदी
PM Modi: कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित पीएम मोदी

PM Modi ने कहा- गुजरात में शुरू की शाम की अदालतें

सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा “गुजरात में, हमने शाम की अदालतें शुरू कीं। इन अदालतों में छोटे-मोटे अपराधों के मामलों की सुनवाई की गई, जिससे अदालतों पर बोझ कम हुआ और मामलों का त्वरित समाधान हुआ। जब कानून और व्यवस्था सामाजिक प्रगति के साथ तालमेल बिठाती है, तो यह सुनिश्चित करता है कि न्याय में आसानी हो।” मोदी ने कहा कि देश के लोगों को सरकार का अभाव भी नहीं लगना चाहिए और देश के लोगों को सरकार का दबाव भी महसूस नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश ने डेढ़ हज़ार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिया है। इनमें से अनेक कानून तो गुलामी के समय से चले आ रहे थे। पिछले 8 वर्षों में, हमने जीवन को आसान बनाने के लिए 32,000 अनुपालनों को हटा दिया है।

देश में टेक्नोलॉजी न्यायिक प्रणाली की बन गई है अभिन्न अंग- पीएम मोदी

पीएम ने देश की न्यायिक प्रणाली में टेक्नोलॉजी की भूमिका को बताते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी भारत में न्यायिक प्रणाली का एक अभिन्न अंग बन गई है। वर्चुअल हियरिंग और ई-फाइलिंग जैसी कानूनी सेवाओं में डिजिटल नवाचार भारत में पहले ही शुरू हो चुके हैं और 5जी सेवाएं इन तकनीकों को और मजबूत करेंगी।

किसी के लिए भी कानून की भाषा न बने बाधक-पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून बनाते हुए हमारा फोकस होना चाहिए कि गरीब से गरीब भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ पाएं। किसी भी नागरिक के लिए कानून की भाषा बाधा न बने, हर राज्य इसके लिए भी काम करें। इसके लिए हमें लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर का सपोर्ट भी चाहिए होगा। युवाओं के लिए मातृभाषा में एकेडमिक सिस्टम भी बनाना होगा, कानून से जुड़े कोर्सेस मातृभाषा में हो, हमारे कानून सरल, सहज भाषा में लिखे जाएं, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण केसेस की डिजिटल लाइब्रेरी स्थानीय भाषा में हो, इसके लिए हमें काम करना होगा।

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) सोसायटी की बैठक की अध्यक्षता की।

यह भी पढ़ेंः

Kashipur Firing Case: योगी के दौरे से पहले इनामी खनन माफिया गिरफ्तार, मुठभेड़ में हुआ जख्मी

Thane News: ठाणे में असुरक्षित महिलाएं! रिक्शा चालक द्वारा लड़की से छेड़खानी, वाहन के साथ घसीटता रहा आरोपी, CCTV आया सामने

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here