कमजोर रुपये की आंच से ईंधन की कीमतों में आग लग रही है। तेल की कीमतों में हो रही वृद्धि पर लगाम लगती फिलहाल नहीं दिख रही है। शुक्रवार को भी पेट्रोल की कीमतों में इजाफा हुआ है, हालांकि, डीजल के दाम लगातार तीसरे दिन नहीं बढ़े हैं। शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम 82.32 और 73.87 रुपये रहे। यानी गुरुवार के मुकाबले पेट्रोल की कीमत में 10 पैसे की बढ़ोतरी हुई। वहीं मुंबई में कीमत 89.69 और 78.42 रुपये रही।

देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी के बाद कमजोर रुपये की आंच सीएनजी और पीएनजी की कीमतों तक भी पहुंचने वाली है। घरेलू नैचरल गैस की कीमतों में छह माही संशोधन अक्टूबर में होगा जिसके बाद इसकी कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। घरेलू फील्ड्स से निकलने वाली गैस के बेस प्राइस में 14 फीसदी यानी करीब 252 रुपये प्रति यूनिट बढ़ोतरी का अनुमान है। मार्च 2016 में गैस की कीमतों में सर्वाधिक अभी के हिसाब से करीब 275.17 रुपये प्रति यूनिट बढ़ोतरी हुई थी। नैचरल गैस की कीमतें गैस सरप्लस मार्केट्स जैसे यूएस, कनाडा, यूके और रूस में मौजूद ऐवरेज रेट्स के आधार पर हर छह महीने में तय की जाती हैं। कमजोर रुपये की वजह से सभी शहरों में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी होगी।

रुपये में गिरावट से सीएनजी और पीएनजी सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए नैचरल गैस महंगी हो जाती है जिससे वे कीमत बढ़ाने को मजबूर होते हैं। दिल्ली और आसपास के इलाके में सीएनजी के एकमात्र सप्लायर इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने अप्रैल से सीएनजी की कीमतों को तीन बार बढ़ाया है। तीन बार बढ़ोतरी में सीएनजी की कीमत कुल 2.89 रुपये प्रति किलो ज्यादा हो गई है। इसमें से आधी बढ़ोतरी या 1.43 रुपये प्रति किलो रुपये में गिरावट के वजह से हुई है। तीनों बार जब नैचरल गैस की कीमतों में इजाफा हुआ तो दिल्ली के पड़ोसी शहरों जैसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में कीमतों में थोड़ा ज्यादा बढ़ोतरी हुई थी। इसकी वजह राज्य कर का ज्यादा होना था। भारत में आधे से ज्यादा गैस का आयात होता है जिसकी कीमत घरेलू कीमतों की दोगुनी से ज्यादा होती है। भारत में गैस की कीमत इंटरनैशल हब के औसत मूल्य के आधार पर तय की जाती है।

                                          -एपीएन, ब्यूरो रिपोर्ट

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