उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में आरक्षण की मांग कर रही भीड़ ने शनिवार शाम एक पुलिस वाहन पर पथराव कर दिया। इसमें एक सिपाही की मौत हो गई। यह हादसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के कुछ घंटों बाद हुआ। मामले में 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस के मुताबिक, निषाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर अठवा मोड़ चौराहे पर जाम लगा लिया। इसी वक्त मोदी की रैली खत्म हुई थी।

रैली में आईं गाड़ियां मुहम्मदाबाद की ओर जा रही थीं। ऐसे में पुलिसकर्मियों ने निषाद समाज के लोगों को वहां से हटाने का प्रयास किया। तभी भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव में हेड कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स जख्मी हो गए। अस्पताल जाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई। वत्स प्रतापगढ़ के लक्षीपुर-रानीपुर के रहने वाले थे और करीमुद्दीनपुर थाने में पदस्थ थे। भीड़ ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ भी की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारे गए सिपाही के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में यह दूसरा मामला है, जब भीड़ के हमले में पुलिसकर्मी की मौत हुई है। इससे पहले 3 दिसंबर को बुलंदशहर में गोहत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक परिजन को नौकरी और असाधारण पेंशन दिए जाने के निर्देश दिए हैं।

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