भारत के नौसैना अधिकारी कुलभूषण सुधीर जाधव को सोमवार को पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई है। कुलभूषण मार्च 2016 से पाकिस्तान की गिरफ्त में थे और उन पर भारत का रॉ एजेंट होने का आरोप लगाया गया था।

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जेनरल क़मर जावेद बाजवा ने कुलभूषण को मौत की सजा दिए जाने की पुष्टि की है। यह भी बताया गया है कि कुलभूषण जाधव को अपने बचाव के लिए कानूनी सहायता उपलब्ध कराई गई थी।

कौन हैं कुलभूषण सुधीर जाधव-

Kulbhushan Sudhir Yadavदरअसल, कुलभूषण भारतीय नौसैना के पूर्व अधिकारी हैं। कुलभूषण महाराष्ट्र के कोल्हापुर से हैं जिनको गत वर्ष ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान ने कुलभूषण की एक वीडियो भी जारी की थी जिसमें कुलभूषण का कबूलनामा दिखाया गया था। वीडियो में कुलभूषण ने जासूसी करने के आरोपों को कबूल किया था। वीडियो छह मिनट का था, जिसको जियो चैनल पर दिखाया गया था। वीडियो में कुलभूषण ने कबूला कि वह भारत के रॉ एजेंट हैं और अब भी भारतीय नौसैना का हिस्सा हैं।                                                                                

आगे उन्होंने कहा कि उसने 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के बाद खुफिया विभाग में काम करने से अपनी करियर की शुरुआत की थी, और बाद में ईरान में छोटे स्तर पर अपना कारोबार शुरु किया ताकि पाकिस्तान आने जाने में सहूलियत हो जाए। हालांकि भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि कुलभूषण से यह कबूलनामा दबाव में दिलाया गया है कुलभूषण भारतीय हैं और नौसैना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं जिसके बाद से ही भारतीय सरकार से उनका कोई संपर्क नहीं है।                                                                                                          

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि वह कानूनी तरीके से ईरान में कारोबार चला रहे हैं। भारत ने साथ ही यह आशंका जताई थी कि हो सकता है कि कुलभूषण का अपहरण किया गया हो। भारतीय नागरिक को प्रताड़ित किया गया है। भारत सरकार ने इसे पाकिस्तान की पठानकोट में हुए हमले से बचने की साजिश का हिस्सा बताया था।

वीडियो में जारी बयान के बाद ही उसे ईरान से पाकिस्तान में घुसने की कोशिश के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था।

बता दें कि यह पहला ऐसा वाक्या नहीं है जब भारतीयों को पाकिस्तान सरकार द्वारा जासूसी का आरोप लगाकार मौत की सजा सुनाई गई हो, इससे पहले भारत के पंजाब निवासी सरबजीत सिंह के मामले को कोई नहीं भूल सकता। सरबजीत सिंह को भी भारतीय जासूस करार कर मौत के घाट उतार दिया गया था।

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