पाकिस्तान खुद को तबाह करने पर आतुर हो चुका है, वो बार-बार हिन्दुस्तान को आर-पार की लड़ाई के लिए उकसा रहा है। भारत जितना संयम दिखा रहा है, पाकिस्तान उतना ही उदंड होता जा रहा है। अब पाकिस्तान ने भारत के सब्र की सीमा तोड़ दी है। पहले सीमा पर गोली और बम से हमला करने वाले पाकिस्तान के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि उसने रविवार को देश के सीने को मिसाइल से चीर दिया, जिसमें देश के चार सपूत शहीद हो गए। इन शहीदों में 23 साल के कैप्टन कपिल कुंडू, राइफलमैन रामअवतार, राइफलमैन शुभम कुमार, हवलदार रोशन लाल शामिल हैं। 

पाकिस्तान ने रविवार सुबह 11 बजे से  ही सीजफायर का उल्लंघन शुरू कर दिया था। पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलीबारी से पूरा इलाका थर्रा उठा। दोपहर होने तक गोलीबारी थोड़ी और तेज हो गई, लेकिन रात होते-होते अचानक ऐसा लगा जैसे पाकिस्तान पागल हो गया है। रात को पाकिस्तान की ओर से लगातार तेज फायरिंग होने लगी। 

पाकिस्तान ने संघर्ष विराम सीमा का उल्लंघन करते हुए रिहायशी इलाकों को निशाना बनाना शुरू किया। रातभर सीमा पार से पुंछ के दिवार, बालाकोट और राजौरी के बिंबर गली में गोलीबारी होती रही। भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की, लेकिन भारतीय सेना को जरा भी इल्म नहीं था कि पाकिस्तान इस बार किसी बड़े खतरनाक मंसूबे के साथ सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। 

बता दे, अब तक पाकिस्तान छोटे हथियार एलएमजी और ओटोमैटिक मोटार्रों से फायरिंग करता था,  लेकिन इस बार उसने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का मुंह भारत की ओर मोड़ दिया। मिसाइल भारतीय सीमा में राजौरी के बीजी सेक्टर में गिरी, जिसके चपेट में आकर देश के चार जांबाज शहीद हो गए।

रातभर सीमापार से फायरिंग होती रही और भारतीय सेना इसका जवाब देती रही। सोमवार सुबह भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तब भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में पाक सेना के कई बंकर और चौकियां तबाह कर दी। पाकिस्तान ने ना सिर्फ राजौरी में अपना नापाक चेहरा दिखाया बल्कि रविवार को पुंछ में भी पाकिस्तान ने गोलीबारी की। इस फायरिंग में एक स्थानीय लड़की और एक जवान घायल हो गए। 

पाकिस्तान ने इस बार जैसी हिमाकत की है वो माफी लायक नहीं है। अब विषधारी पाकिस्तान के विष दंत तोड़ने का वक्त आ गया है। देश अब अपने शहीदों के शहादत का बोझ बर्दाश्त नहीं कर सकता। अब तो पाकिस्तान के दिए जख्म का इलाज जरूरी हो गया है।  अब मिसाइल का जवाब मिसाइल से देने का वक्त आ गया है। 

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन 

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