सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के हंगामे के चलते एक बार फिर सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। सदन में वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के सांसदों द्वारा किए जा रहे हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, सदन की कार्यवाही पूरा देश लाइव देख रहा है और सांसदों को ऐसे आपस में लड़ते देख पूरा देश हंस रहा है इसलिए सदन को चलने दीजिए, नहीं तो संसद सिर्फ मजाक का विषय बनकर रह जाएगी।

बता दे, इससे पहले शुक्रवार को भी इन दोनों पार्टियों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की कोशिश की गई थी लेकिन सदन में आंध्र प्रदेश के मुद्दे को लेकर विपक्ष के हंगामें के चलते सदन की कार्यवाही को सोमवार तक स्थगित करना पड़ा था और आज फिर संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से के 11वें दिन भी विपक्षी हंगामें के चलते सदन को स्थगित करना पड़ा।

बता दे, लोकसभा में टीडीपी अकेले यह प्रस्ताव नहीं ला सकती क्योंकि इसे पेश करने के लिए कम के कम 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है। लेकिन लोकसभा में टीडीपी के पास सिर्फ 16 सांसद है, जबकि वाईएसआर के 9 सांसद हैं। इस तरह इन दोनों पार्टियों के सांसदों की संख्या 25 है लेकिन कांग्रेस, वाम और अन्य दलों के साथ आ जाने पर अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरत से ज्यादा आंकड़ा उनके पास होगा। क्योंकि मौजूदा समय में कांग्रेस के पास लोकसभा में 48 सांसद, एआईएडीएमके के 37, सीपीएम के 9 और एआईएमआईएम का एक सांसद है।

क्या है अविश्वास प्रस्ताव

अविश्वास एक ऐसा प्रस्ताव है, जिसे मौजूदा सरकार सरकार को गिराने के मकसद से संसद में पेश किया जाता है। सदन में मौजूदा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने के लिए कम से कम 50 सांसदों का समर्थन प्राप्त होना अनिवार्य होता है।

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