देश के सबसे बड़ी आईटी कंपनियों मे से एक इंफोसिस के पूर्व चेयरमैन एन आर नारायणमूर्ति ने माना कि उनका चेयरमैन पद से इस्तीफा देना उनकी सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा कि उन्हें 2014 में कंपनी के चेयरमैन का पद छोड़ने का अफसोस है। उनको दुख है कि उन्होंन अपने सहसंस्थापकों की बात नहीं सुनी। दरअसल उनके सह-संस्थापक चाहते थे कि वो पद पर बने रहें किंतु नारायणमूर्ति ने ही अपने साथियों की बात नहीं मानी। अब उन्हें लग रहा है कि उन्हें सह-संस्थापकों की बात मान कर कुछ साल चेयरमैन के पद पर बने रहना चाहिए था।

एन आर नारायणमूर्ति मीडिया से बातचीत में बताते हैं कि वो एक भावुक व्यक्ति हैं और उनके फैसले आदर्शवाद पर आधारित रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वो इंफोसिस के लिए हमेशा फिक्रमंद रहे हैं और उनका इंफोसिस में आना जाना लगा रहता है। खबरों के मुताबिक नारायणमूर्ति और कंपनी के मौजूदा प्रबंधन प्रमुख विशाल सिक्का के बीच कंपनी के कामकाज को लेकर मनमुटाव चल रहा है।

याद दिला दें कि खबर आई थी कि इंफोसिस में कई कर्मचारियों की छटनी भी हुई है। इस समय कई आईटी कंपनियों में कर्मचारियों के छटनी का दौर चल रहा है। विप्रो,इंफोसिस और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियों ने कई कर्मचारियों की छटनी की है।

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