मंगलवार को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में योगी सरकार ने समूह ‘ग’ और ‘घ’ के साथ ही समूह ‘ख’ के अराजपत्रित पदों (नॉन गजेटेड) पर भर्ती के लिए इंटरव्यू खत्म करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब अब इन पदों पर भर्ती के लिए केवल लिखित परीक्षा होगी। योगी सरकार ने यह फैसला सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता लाने के लिए किया है। बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र यानी लोक संकल्पपत्र में भी इसका वादा किया था।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनाव के समय कहा था कि केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार मिटाने और पारदर्शिता लाने के लिए कर्मचारियों की भर्ती में इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म कर दी है। उनके इस फैसले का व्यापक स्वागत हुआ था लेकिन तब की अखिलेश सरकार ने इसे प्रदेश में लागू नहीं किया था।

सिंह ने बताया कि अब केंद्र सरकार की तर्ज पर यूपी सरकार ने भी समूह ‘ख’, ‘ग’ और ‘घ’ श्रेणी के पदों पर कर्मचारियों की भर्ती में इंटरव्यू व्यवस्था खत्म करने का फैसला किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नई व्यवस्था नियमावली जारी होने की तारीख से लागू की जाएगी। हालांकि, इसका फायदा उन भर्तियों के अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगा, जिनके विज्ञापन निकल चुके हैं या जिनकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सिंह ने दोहराया कि कि इस फैसले से भर्तियों में भ्रष्टाचार खत्म करने में मदद मिलेगी।

इससे पहले प्रदेश के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने इंटरव्यू खत्म करने का प्रस्ताव तैयार कर वित्त व न्याय विभाग से राय ली थी। इनकी सहमति मिलने के बाद प्रस्ताव राज्य लोक सेवा आयोग को भेजा गया था।

अब प्रदेश के बिजली कर्मचारियों को भी मिलेगा 7वें वेतन आयोग का लाभ

कैबिनेट की बैठक में बिजली विभाग के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का लाभ देने के फैसले को भी मंजूरी मिली। इसका फायदा बिजली विभाग के तहत आने वाले सभी निगमों के करीब 44 हजार कर्मचारियों को मिलेगा। उन्हें 11 जनवरी, 2016 से लागू होने वाले 7वें वेतन आयोग के सभी लाभ मिलेंगे। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे घाटे में चल रहे बिजली विभाग पर 32 करोड़ का एक  अतिरिक्त बोझ जरूर पड़ेगा, पर इससे कर्मचारियों का उत्साह बढ़ेगा

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