आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सेना के जवानों की हो रही शहादत को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जब किसी के साथ युद्ध नहीं हो रहा है, तो फिर बॉर्डर पर सैनिक शहीद कैसे हो रहे हैं। ये सवाल उठाते हुए आरएसएस प्रमुख ने इसका कारण भी बताया और कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हम अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं।

मोहन भागवत ने यह बयान गुरुवार को नागपुर में प्रहार समाज जागृति संस्था के रजत जयंती कार्यक्रम के अवसर पर दिया है। जवानों की शहादत पर बात रखते हुए मोहन भागवत ने आजादी के वक्त का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब देश को अंग्रेजों से आजादी नहीं मिली थी तो उस दौरान वतन की स्वतंत्रता के लिए जान कुर्बान का दौर था या फिर आजादी के बाद अगर कोई युद्ध हुआ या होता है तो वहां भी सीमा पर दुश्मनों से लड़ते हुए सैनिक अपनी जान की बाजी लगाते हैं और देश की सुरक्षा के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर देते हैं।

आरएसएस प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि युद्ध के दौरान सैनिकों की शहादत होती है, लेकिन अगर जब इस वक्त हमारे देश में कोई युद्ध नहीं हो रहा है और फिर भी सेना के जवान शहीद हो रहे हैं तो इसका मतलब ये है कि हम अपना काम सही ढंग से नहीं कर रहे हैं। बता दें आरटीआई के जरिए गृहमंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, मोदी सरकार के शुरुआती तीन सालों के दैरान यानी मई, 2014 से मई, 2017 तक सिर्फ जम्मू कश्मीर में 812 आतंकवादी घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में 62 नागरिक मारे गए, जबकि 183 जवानों की शहादत हुई।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इशारों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। भागवत ने कहा है कि देश के टुकड़े होंगे कहने वालों को समर्थन देने वाले लोग भी हैं। बता दें हाल ही जेएनयू में लगे कथित देश विरोधी नारों पर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। आपको याद दिला दें जेएनयू में हुए विवाद के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जेएनयू गए थे। उस वक्त बीजेपी ने राहुल गांधी के इस कार्यक्रम को लेकर काफी विवाद हुआ था। राहुल गांधी के अलावा कई और कांग्रेस नेता भी जेएनयू गए थे।

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