बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दिल्ली के तालकटोरा गार्डेंन में आयोजित जदयू कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल होने पहुंचे। इस बैठक में नीतीश ने देशभर में शराबबंदी लागू होने का समर्थन करते हुए विपक्षियों पर जमकर हमला बोला।

सीएम नीतीश ने सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस और वामपंथी शराबबंदी के खिलाफ अभियान क्यों नहीं चलाते हैं? सभी धर्मों में शराब को गलत माना गया है। सांप्रदयिक सद्भाव के लिए शराबबंदी जरूरी है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद बिहार में सड़क दुर्घटना में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में बिहार में बेहतर काम हुआ है।

उन्होंने सभी धर्मों में शराब के निषेध का हवाला देते हुए कहा ‘शराबबंदी का विरोध करने वाले कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दलों के नेता बताएं कि अगर बिहार और गुजरात में इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का फैसला सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है तो पूरे देश में शराबबंदी क्यों नहीं।

नीतीश कुमार ने कहा कि हमने बिहार में पंचायती राज व्‍यवस्‍था में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अब हालत ये है कि चुनाव में महिलायें अधिक से अधिक सीटों पर जीतकर आ रही है। महिला सशक्तिकरण हुआ है।

एक बार पटना के श्रीकृष्‍ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम के बाद महिला ने कहा कि बिहार में शराब बंद कर दीजिए। मैंने कहा था कि अगली बार सरकार में आयेंगे तो यह करेंगे। सरकार में आने पर हमने सबसे पहले शराबबंदी की। इसका असर भी अब बिहार में दिखने लगा है। बिहार में सड़क हादसों में 31 प्रतिशत की कमी आयी है। किडनी तथा लीवर से संबंधित बीमारियों में 39 प्रतिशत की कमी आयी है। मानसिक बीमारी में 37 प्रतिशत की कमी आयी है। यह शराबबंदी का असर है।

शराबबंदी लागू होने के बाद नशामुक्ति केंद्र भी बनाया गया। इस बीच रैपिड सर्वे भी कराया गया। 86 प्रतिशत लोगों के कार्य करने की क्षमता में बढ़ोत्‍तरी आयी है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा हर साल अपराध का आंकड़ा प्रकाशित होता है। आंकड़ों पर गौर करें तो शराबबंदी के बाद अपराध के आंकड़ों में काफी कमी आयी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here