भारत सरकार लांस नायक नजीर वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित करेगी। नजीर वाणी को इसी गणतंत्र दिवस पर शांति काल के सबसे बड़े सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। नजीर वानी के परिजनों को राष्ट्रपति यह सम्मान देंगे।

गौरतलब है कि पहले आतंकी रहे नजीर वानी ने आतंकवाद की राह को छोड़कर साल 2004 में भारतीय सेना ज्वाइन कर लिया था। कभी सेना के खिलाफ लड़ने वाले नजीर ने बीते साल 2018 में आतंकियों से लड़ते हुए देश के लिए अपनी जान दे दी थी।

बीते साल नवंबर महीने में सेना की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को शोपियां में 6 आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली। सुरक्षाबलों की जो टीम वहां पहुंची उसमें नजीर भी शामिल थे। 6 आतंकियों ने एक घर में छुपे हुए थे जिसे जवानों ने चारों तरफ से घेर लिया।

आतंकियों से लड़ते हुए नजीर ने एक आतंकी को मार गिराया जबकि उसे भी गोली लग गई। गोली लगने के बाद भी नजीर दूसरे आतंकी को वहां से भागने नहीं दिया और उसे भी मौत के घाट उतार दिया। आतंकियों की तरफ से जवाबी फायरिंग में फिर एक गोली नजीर को लग गई जिसके बाद वो अपने फर्ज के दौरान ही शहीद हो गए।

नजीर वानी को उनके अदम्य साहस के लिए दो बार पहले भी सेना मेडल (2007 और 20017) से नवाजा जा चुका है। नजीर वानी कुलगाम के चेकी अश्मूजी गांव के रहने वाले थे। नजीर के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं।

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