भारत में चल रहे कोर्ट और मुकदमों की हालत ऐसी है कि लोग कोर्ट-कचहरी के नाम से ही डरने लगे हैं। भारत में न्याय व्यवस्था की स्थिति ऐसी है कि अगर कोई मामला कोर्ट में पहुंच जाता है, तो उसे सुलझने में कई पीढ़ियां भी गुजर जाती हैं और कई बार फिर भी कोई समाधान नहीं निकल पाता। 125 करोड़ की आबादी वाले इस देश में जजों की संख्या मात्र 21,000 ही है। ऐसे में पेंडिंग केसों की संख्या बढ़ना तो लाजमी है। मगर देश में जहां करोड़ों केस-मुकदमें लंबित पड़े हों, वहां पर अगर कोई एक जज मात्र 327 दिनों में 6065 मामलों को निपटा देता है, तो सच में वो सलामी का हकदार है। 

Muzaffarnagar judge hearing 6065 decisions made World Recordउत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जज तेज बहादुर सिंह ने ऐसा ही एक काम किया है जो अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया हैं। जज तेज बहादुर के नाम की चर्चा अब सबके जुबान पर है। तेज बहादुर सिंह फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज हैं। इन्होने 327 दिनों में 6,065 केस में फैसले सुनाने का रिकॉर्ड बनाया है। जब वकीलों की हड़ताल होती तब अपने काम को जज बहादुर सिंह करते रहते थे।इतने कम समय में इतने केसों का निपटारा करने वाले वह पहले भारतीय जज बन गए हैं।

तेज बहादुर सिंह ने अपने 327 दिनों के कार्यकाल में 6,065 केस निपटाने के दौरान करीब 903 दम्पत्तियों के बीच सुलह भी कराई । अगर सुप्रीम कोर्ट के वार्षिक इंडियन ज्यूडिशियरी रिपोर्ट 2015-16 पर एक नजर डालें तो भारत की अदालतों में 2 करोड़ 81 लाख केस पेंडिंग और निचली अदालतों में 5 हजार जजों की कमी है। वहीं इन सभी के बीच जज तेज बहादुर सिंह ने काफ़ी कम समय में इतने मुकदमों में  फैसला सुनाकर एक कीर्तिमान रच दिया।

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