यूपी में अन्नपूर्णा भोजनालय योजना का ख़ाका तैयार करने के साथ ही मुख्य सचिव को इसका प्रेजेंटेशन भी सौंपा जा चुका है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द सीएम योगी खुद इस प्रेजेंटेशन का निरीक्षण करेंगे। अन्नपूर्णा योजना के तहत गरीब तबके के लोगों को सुबह के नाश्ते में दलिया, इडली-सांभर, पोहा, चाय पकौड़ा दिया जाएगा इस योजना में सुबह के नास्ते से लेकर रात के खाने तक सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध कराया जायेगा।

आजमगढ़ के कलेक्टर ऑफिस में प्रशासन की मौजूदगी में स्कूल प्रबंधक संघ और अभिभावक संघ के बीच अच्छी शिक्षा बहस का विषय बनी हुई है। योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस पर लगाम लगानी शुरु कर दी हैं। जिसके लिए प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के जज की अध्यक्षता में कमेंटी बनाकर विद्यालय विधेयक 2017 लाने का फैसला किया है। जिसके अंतर्गत प्राइवेट स्कूल तीन साल के अंदर फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे।

शुक्रवार 08 अप्रैल को एपीएन स्टूडियो में इन दोनों ही ट्रेन्डिंग मुद्दों पर चर्चा की गई। मुद्दे के दो पड़ाव थे जिनमें पहले ये जानने की कोशिश की गई कि आदित्यनाथ की अन्नपूर्णा योजना कितनी सार्थक होगी और दूसरे पड़ाव में निजी स्कूलों की फीस पर लगेगी लगाम? मुद्दे पर बातचीत हुई। मुद्दा का संचालन एंकर अक्षय ने किया। इस दौरान स्टूडियो मे गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन), सुरेंद्र राजपूत (प्रवक्ता, कांग्रेस), के. सी जैन (नेता, सपा), व चन्द्रभूषण पांडेय (प्रवक्ता, यूपी बीजेपी) मेहमान के तौर पर मौजूद थे।

गोविंद पंत राजू का मत है कि सरकार अगर ऐसी पहल करती है तो इस फैसले का स्वागत होना चाहिए, क्योंकि आर्थिक कमाई के लिए गरीब तबके के लोग एक जगह से दूसरे जगह के लिए पलायन करते हैं। उनके कमाई का 30-40 फीसदी हिस्सा उनके भोजन पर ही खर्च हो जाता है। तमिलनाडु और उत्तराखंड में ऐसी योजना पहले ही लागू की जा चुकी है इसका फायदा आम आदमी उठा रही है। रही बात शिक्षा कि तो इसपर नकेल कसना बेहद जरुरी है, क्योंकि शिक्षा आज व्यवसाय बनती जा रही है।

के. सी जैन का मत है कि योगी सरकार की तरह पूर्व में रही अखिलेश सरकार ने भी गर्भवती महिलाओं के लिए भोजन की व्यवस्था की थी। जिसका बीजेपी ने स्वागत किया था। अगर किसी योजना से जरूरतमंद जनता का कल्याण होता है तो उसपर कोई पार्टी विरोध नहीं कर सकती है। बशर्ते यह योजना किसी भ्रष्टाचार अथवा शर्त की भेट न चढ़े। उन्होंने आगे यूपी के शिक्षा व्यवसाय को लेकर कहा कि “स्टेटस् बनाने के लिए लोग बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में दाखिला कराते हैं और अब यह परम्परा बन गई है।“

चन्द्रभूषण पांडेय का मत है कि बीजेपी की अवधारणा है कि वह जरूरतमंदों को गुणवत्ता वाला भोजन देकर उनके उपर से आर्थिक बोझ थोड़ा कम करेगी। साथ ही करप्शन के लिए इस योजना में शून्य स्थान होगा। क्योंकि इसके लिए हमारी सरकार दिल्ली में भी बैठी होगी।

सुरेंद्र राजपूत का मत है कि जब यह योजना मूल रुप से धरातल पर रुप लेगी तो ऐसी योजनाओं का विरोध कौन कर सकता है? जिसके अंतर्गत यूपी के गरीब मजदूरों, श्रमिकों व अन्य लोगों को भरपेट नाश्ता और खाना मिले। ऐसा विरोध तो कोई देशद्रोही या वह व्यक्ति ही कर सकता है जो गरीबों के मुंह में निवाला नहीं देखना चाहता। उन्होंने कहा कि यूपी में शिक्षा पर नकल कसने के लिए सरकार जो विधेयक ला रही है इसमें कुछ नया नहीं है। रही बात शिक्षा के अधिकार  की  तो इससे न केवल सभी स्कूलों पर नकेल कसेगी बल्कि बच्चों को मुफ्त शिक्षा, कपड़े और अन्य सुविधाए भी मिल सकेंगी।

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