इटावा के रहने वाले बालक राम ने अपने आने वाले बच्चे को लेकर बड़े अरमान संजोये थे। लेकिन एक नर्स ने उनकी पूरी दुनिया उजाड़ दी। हजारों रुपये लेकर भी उनकी गर्भवती पत्नी की जबरन डिलीवरी कराई। जिससे तड़प-तड़प कर जच्चा-बच्चा की मौत हो गई।
दरअसल, राम नाम के व्यक्ति जिला अस्पताल से रिटायर्ड काली नामक एक नर्स के यहां अपनी गर्भवती पत्नी को बड़े विश्वास से लेकर आए थे। पिता बनने की खुशियां तब कुलाचे मार रहीं थीं। लेकिन नर्स काली ने इनकी पत्नी की डिलीवरी किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर से कराने की बजाय खुद ही की। अपने घर पर ही गर्भवती महिला की डिलीवरी कराई, ठीक से ऑपरेट नहीं कर पाने के कारण इसी दौरान बच्चे की मौत हो गई। आखिर में इस मां ने भी तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। मातम के शिकंजे में पहुंच चुके इस पीड़ित पति और पिता ने पूरा सच बयान किया तो माहौल मातमी हो गया। सिस्टम और पैसों के लालच में नंगे हो चुके लोगों की घिनौनी सोच एक झटके में सामने आ गई।
इटावा की इस महिला की गलती बस इतनी थी कि वह आर्थिक तौर से एक कमजोर परिवार की सदस्य थी। अपने बच्चे को लेकर इसके कई सपने थे। उसके पति ने भी उसका इलाज कराने में पूरे सामर्थ्य का इस्तेमाल किया। नर्स काली को इलाज के बदले हजारों रुपये दिये। स्थिति बिगड़ी तो दूसरे डॉक्टर के यहां ले जाने की गुहार लगाता रहा लेकिन नर्स काली ने जबरन डिलीवरी कराई और मां-बच्चे दोनों की जान ले ली।मौत के बाद लाश को जिला अस्पताल ले जाने का हुक्म सुना दिया।
गर्भवती पत्नी के साथ इलाज के लिये घर से निकले बालक राम के पिता बनने के बड़े अरमान थे। पत्नी और बच्चे के साथ खुशी-खुशी घर लौटने और बच्चे को गोद में खिलाने की बजाय उनकी लाशों को कंधा देना पड़ा। अब पुलिस की बारी है जो किसी और का घर बर्बाद न होने दे। मां-बच्चे की जीते जी जान निगलने वाली नर्स को जेल भेजने के इंतजाम करे। जिससे किसी और जच्चा-बच्चा की दर्दनाक मौत न हो। किसी और परिवार में मातम का बसेरा न हो।