भातीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया हैं जिसमें कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर बनाने को लेकर अध्यादेश ला सकता है।

शाह ने कहा मंदिर निर्माण को लेकर उनकी पार्टी व सरकार जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का इंतजार करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी तब सब कुछ ठीक हो जाएगा।

कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा सुप्रीम कोर्ट में यह मामला नौ साल से विचाराधीन है। कांग्रेस की तरह भाजपा ने शीर्ष अदालत में कभी नहीं कहा कि केस को टाला जाए। शाह ने कहा कि हमारा बस चलता तो यह मामला कब का सुलझ गया होता।

शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उद्धव अपने जीवन में पहली बार अयोध्या गए।

गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद और संत समाज शीतकालीन सत्र में राम मंदिर निर्माण को लेकर कानून बनाने या अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं।

धैर्य का समय खत्म हुआ

अयोध्या में राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद की ओर से किए गए धर्म सभा के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि धैर्य का समय अब खत्म हो गया है। राम मंदिर निर्माण का मामला सुप्रीम कोर्ट की प्राथमिकता में नहीं है मंदिर निर्माण कार्य के लिए कानून लाना चाहिए।

उन्होंने कहा, एक साल पहले मैंने स्वयं कहा था कि धैर्य रखें। अब मैं ही कह रहा हूं कि धैर्य से काम नहीं होगा। अब हमें लोगों को एकजुट करने की जरूरत है। अब हमें कानून की मांग करनी चाहिए।

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