मोगली और टार्जन जैसी काल्पनिक कथाएं तो आपने बहुत सुनी होगी,लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि काल्पनिक कथाओं से परे मोगली की तरह कोई पात्र असली जीवन में भी हो सकता है? उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले के जंगलों में एक लड़की मिली है। यह लड़की इंसानो की तरह तो दिखती है लेकिन रहन सहन बिल्कुल बंदरो की तरह है। पुलिस ने इस लड़की को बंदरो के झुंड़ में से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया है जहां पर इसका इलाज़ चल रहा है।
पुलिस को जंगलों में मिली यह आठ वर्षीय बच्ची रहस्य के साथ कौतूहल का विषय बन गई है। आस पास के लोगो का कहना है कि करीब तीन माह पहले कतर्नियाघाट के जंगलों में लकड़ी बीनने वालों ने एक बच्ची को देखा था। बच्ची के तन पर एक भी कपड़ा नहीं था लेकिन वह बहुत मज़े से घूम रही थी। लकड़हारो ने जब उसके पास जाने की कोशिश की तो बंदरों ने बच्ची को घेरे में ले लिया और किसी को उसके पास नहीं आने दिया। इसके बाद वन्य जीव क्षेत्र के मोतीपुर रेंज में वह कई बार दिखाई दी। लोग उसके पास जाने की कोशिश करते थे तो बंदरो का झुंड़ ग्रामीणों पर ऐसे हमला कर देता था जैसे लड़की उनकी ही बिरादरी की एक सदस्य हो। यह बात धीरे-धीरे कई इलाको में फैल गई और इसकी सूचना मोतीपुर पुलिस को दी गई।
पुलिस जब जंगल में बच्ची को पकड़ने के लिये पहुंची तो वो वहां पर नहीं दिखाई दी। इसके बाद यूपी 100 की टीम रात्रि गश्त के दौरान जंगल से गुजर रही थी तभी अचानक वह लड़की उन लोगो को दिखाई दी जो कि बंदरो के झुंड़ में थी। काफी मशक्कत के बाद बच्ची को बंदरो के झुंड़ में से निकाला गया। उसके शरीर पर काफी चोट के निशान थे जिसके बाद इंस्पेक्टर सुरेश यादव ने मिहीपुरवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसे भर्ती करवाया।
पुलिस वालो के मुताबिक लड़की बंदरों के बीच नग्न अवस्था में मिली थी उसके बाल और नाखून भी बढ़े हुए थे। अस्पताल वालो का कहना है कि बच्ची डॉक्टरों और दूसरे लोगो को देखते ही चिल्लाने लगती है। वह न तो उनकी भाषा समझ पाती है और न ही बोल पाती है। ठीक से खाना न खाने की वजह से वह थाली के खाने को जमीन पर फैला देती है, फिर बंदरों की तरह जमीन से खाना उठाकर खाती है। जिस कारण बच्ची का इलाज़ करने में भी दिक्कत आ रही है। लेकिन अब थोड़े समय के बाद बच्ची का इंसाने से डरना कम हो रहा है। अभी भी वह कभी-कभी बंदरो की तरह चीखती चिल्लाती है।