निठल्ले सरकारी बाबुओं की शामत आने वाली है। केंद्र सरकार 67 हजार से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों के काम काज का लेखा जोखा लेने जा रही है, जिसे सर्विस रिकॉर्ड्स रिव्यू भी कहते हैं। इस रिव्यू के जरिए खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की पहचान होगी। 67 हजार कर्मचारियों की इस सूची में लगभग 25,000 कर्मचारी अखिल भारतीय और समूह ए सेवाओं यानि आईएएस और आईपीएस अफसर भी शामिल होंगे। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य सरकारी सेवाओं के क्रियान्वयन को और बेहतर बनाना है।

grab8कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार बेहतर काम करने वाले अफसरों को बढ़ावा और भ्रष्ट अफसरों पर लगाम लगाना चाहती है। केन्द्र सरकार की कोशिश ईमानदार अफसरों के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है ताकि वह बेहतर काम कर सकें।

दरअसल केन्द्रीय कर्मचारियों का उनके सेवाकाल में 2 बार कामकाज को लेकर रिव्यू किया जाता है। पहला रिव्यू 15 साल की सेवा के बाद और दूसरा रिव्यू 25 साल की सेवा के बाद किया जाता है। फिलहाल कार्यरत 48.85 लाख कर्मचारियों में से 67 हजार का रिव्यू टर्म इस बार आया है। मोदी सरकार ने पिछले साल इसी रिव्यू व्यवस्था के तहत 129 केन्द्रीय कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था, जिनमें कुछ आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी शामिल थे।

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