केरल की एक गली नाम गाज़ा स्ट्रीट रखे जाने से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है। सुरक्षा एजेंसिंया जो पहले से ही इस क्षेत्र में अर्लट पर थी अब और ज्यादा अर्लट हो गई है। दरअसल, गाज़ा स्ट्रीट इजराइल और फलस्तीन के बीच विवादित हिस्सा है। जिसकी वजह से इजराइल और फलस्तीन के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है। यहीं कारण है कि केरल में थुरुथि कासरागोड नगर पालिका की एक गली का नाम ‘गाज़ा स्ट्रीट’ रखे जाने पर इतना बवाल हो गया है। वहीं सुरक्षा एजेंसी इसके पीछे किसी कट्टरपंथी शख्स का हाथ मान रही हैं।

गौरतलब है कि साल 2016 में केरल के 21 युवक अचानक गायब हो गए थे। उनके ना मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मान रही थी कि लापता युवक आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गए हैं। लापता युवकों में से ज्यादातर कासरागोड से ही ताल्लुक रखते थे। पिछले महीने इस गली का नाम गाज़ा स्ट्रीट रखा गया। इस मौके पर कासरागोड जिला पंचायत अध्यक्ष एजीसी बशीर मौजूद थे और उन्होंने ही इस गली के नए नाम का उद्घाटन किया। हालांकि उनसे जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘मुझे सड़क का उद्घाटन इसलिए करना चाहिए था क्योंकि ये मेरी नगरपालिका के क्षेत्र में आता है। इसलिए मुझे आखिरी वक्त में इसका उद्घाटन करना पड़ा।’

वहीं नगर पालिका की चैयरपर्सन बीवी फातिमा इब्राहिम ने कहा कि उन्हें सड़क का नाम गाज़ा स्ट्रीट रखे जाने की जानकारी नहीं है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष में मौजूद भाजपा इस नाम का पुरजोर विरोध कर रही है। कासरागोड नगर पालिका में भाजपा नेता पी रमेश ने कहा कि यहां ज्यादातर लोग इस नाम से खुश नहीं है और उनकी मर्जी के खिलाफ गली का नाम बदलकर गाज़ा स्ट्रीट रखा गया है। उन्होंने कहा कि इसलिए इस सड़क के नाम के लिए जनता से आम राय ली जाएगी, अगर जनता ने इसे नकार दिया तो यह नाम अस्वीकार कर दिया जाएगा।

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