क्या कभी किसी ने सोचा होगा कि किसी लड़की की शादी के लिए देश की सरकार इश्तिहार छपवाएगी और एक योग्य वर की तलाश करेगी। लेकिन ऐसा सच है। जी हां, पाकिस्तान से वर्ष 2015 में भारत लौटने वाली मूक-बधिर युवती गीता के परिवार का अब तक पता नहीं चल सका है। इस बीच, उसके लिए योग्य वर की तलाश तेज हो गई है। फेसबुक पर एक गैर सरकारी संगठन द्वारा वैवाहिक विज्ञापन पोस्ट किए जाने के 10 दिन के भीतर लगभग 20 लोगों ने इस युवती के साथ सात फेरे लेने की इच्छा जताई है। दरअसल, गीता के मां-बाप का पता नहीं चल पाया है, इसलिए विवाह की सारी जिम्मेदारी गृहमंत्रालय ही उठा रहा है।

मूक-बधिर समुदाय के अधिकारों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानेंद्र पुरोहित ने गुरुवार को बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कुछ दिन पहले मुलाकात के बाद उन्होंने गीता के लिए योग्य वर की तलाश के मकसद से फेसबुक​ पर वैवाहिक विज्ञापन पोस्ट किया है। यह विज्ञापन रीयूनाइट गीता, ए डेफ गर्ल, विद फैमिली नाम के पुराने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि इस ऑनलाइन विज्ञापन के आधार पर अब तक लगभग 20 लोगों ने अपने बायोडेटा के साथ गीता से शादी का प्रस्ताव भेजा है, जिनमें मंदिर का पुजारी और लेखक शामिल हैं।

बता दें कि फेसबुक पेज पर 10 अप्रैल को पोस्ट वैवाहिक इश्तेहार में गीता को “भारत की बेटी” के रूप में संबोधित किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस युवती के लिए 25 साल से ज्यादा उम्र के मूक-बधिर वर की जरूरत है जो नेक और स्मार्ट हो। गौरतलब है कि गीता दो साल से इंदौर के मूक-बधिर संस्थान में रह रही है। दो साल से उसके माता-पिता की तलाश की जा रही थी, लेकिन वह अभी तक नहीं मिले। इससे गीता निराश है और डिप्रेशन में भी जाने लगी है। उसका पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा था। यह बात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पता चली तो उन्होंने उसके लिए दूल्हा तलाशने के आदेश दिए।

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