गरीबों की अनदेखी, भ्रष्टाचार एवं कानून व्यवस्था के मोर्चें विफल रहने के आरोप लगाकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को कई बार असहज करने वाले कबीना मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को यहां समाजवादी पार्टी (सपा) नेता शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की। दोनो नेताओं के बीच वाराणसी सर्किट हाउस के बंद कमरे में हुयी गुफ्तगू से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।

सूबे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष श्री राजभर ने इस मुलाकात को “शिष्टाचार भेंट” बताते हुए कहा, “मिलने का कोई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था। संयोग की बात है कि शुक्रवार को दोनों सर्किट हाउस में ही रुके हुए थे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री यादव ने भी इस मुलाकात को सामान्य बताया है लेकिन गठबंधन के सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि आप उन्हीं से पूछ लीजिये। उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग जन सशक्तिकरण मामलों के मंत्री श्री राजभर ने स्पष्ट किया कि श्री यादव से उनकी राजनीतिक मसलों पर बातचीत नहीं हुई। यह बातचीत सिर्फ व्यक्तिगत थी।

श्री राजभर ने नये गठबंधन में शामिल होने के सवाल पर कहा कि वह भाजपा नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार शामिल हैं और फिलहाल उसे छोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है। उनकी पार्टी वर्ष 2019 में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी और श्री मोदी के नेतृत्व में फिर केंद्र में सरकार बनेगी।

उन्होंने कहा कि गरीबों की अनदेखी, भ्रष्टाचार एवं कानून व्यवस्था से संबंधित उनकी शिकायतें अब धीरे-धीरे दूर हो रही हैं और उम्मीद है कि भविष्य में बची खुची शिकायतें काफी हद तक दूर कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले अधिकारी गरीबों के कार्यों में अधिक रुचि लेने लगे हैं।

श्री राजभर ने कहा कि शराब बंदी की उनकी पार्टी की महिला इकाई की मांग पर सरकार ने अमल करना शुरु कर दिया है। गुजरात और बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के मथुरा में शराब बंद कर दी गई और अब वाराणसी और अयोध्या में आने वाले समय में भी शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।

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