नारद स्टिंग मामले में आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के 12 नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ये नेता कैमरे पर रूपये लेते हुए दिख रहे हैं। इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि ‘यह एक राजनीतिक खेल है, हम इससे राजनीतिक रूप से लड़ेंगे।’

इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के साथ ही एक आईपीएस अधिकारी का नाम भी शामिल है। पश्चिम बंगाल में 2016 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कई चैनलों ने नारद स्टिंग के टेप प्रसारित किए गए थे। जिनमें भविष्य में फायदा पहुंचाने के बदले में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को लोगों से पैसे लेते हुए देखा गया था।

नारदन्यूज पोर्टल ने टेप प्रसारित किए थे। जिसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के आदेश दिये थे। पश्चिम बंगाल सरकार ने आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से मना कर दिया और सीबीआई को जरूरत पड़ने पर एफआईआर दर्ज करने के लिए एक महीने का समय दिया था।

सीबीआई ने राज्यसभा सदस्य मुकुल रॉय और लोकसभा सांसदों सौगत राय, सुल्तान अहमद, काकोली घोष, अपरूप पोद्दार और प्रसून बनर्जी के खिसाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम, परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी, पर्यावरण मंत्री शोभन चटर्जी और पंचायती राज तथा ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी के भी नाम शामिल हैं। सीबीआई ने पूर्व मंत्री मदन मित्रा, विधायक इकबाल अहमद और आईपीएस अधिकारी सैयद मुस्तफा हुसैन मिर्जा को भी आरोपी ठहराया है।

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