इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानि इसरो ने रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से अपने सैटलाइट कैरियर पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) सी42 के साथ अंतरिक्ष में दो ब्रिटिश सैटलाइट भेजने का सफलतापूर्वक काम किया। ये दोनों सैटलाइट पृथ्वी की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इनके नाम  NovaSAR और S1-4   हैं।

आपको बता दें कि यह PSLV की यह 44वीं उड़ान थी। पिछले तीन सालों में इसरो ने कुल 5600 करोड़ रुपये की कमाई की है। ब्रिटेन की सर्रे सैटलाइट टेक्नॉलजी लिमिटेड के इन सैटलाइट्स का कुल वजन 889 किलोग्राम है।

बता दें कि रविवार को रात 10 बजकर 08 मिनट में सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोनों ब्रिटिश सैटेलाइट से भारतीय प्रक्षेपण यान PSLV C-42 के साथ छोड़ा गया। उपग्रह का पहला स्टेज दो मिनट बाद अलग हुआ और आखिरी यानी की चौधा स्टेज 17 मिनट। इसके बाद सैटेलाइट अपने प्रक्षेपण यान से अलग होकर 583 किलोमीटर दूर अपनी कक्षा में स्थापित हो गई। बता दें कि ये दोनों ही सैटेलाइट ब्रिटेन की है जिसे इसरो द्वारा सिर्फ प्रक्षेपित करने यानी की भेजना का काम किया गया है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो की टीम को बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई! इसरो ने सफलतापूर्वक PSLV C-42  को यूके के दो सैटलाइट्स के साथ लॉन्च करते प्रतियोगी स्पेस बिजनस में भारत के कौशल का प्रदर्शन किया है।’

गौरतलब है कि भारत वैश्विक स्पेस इंडस्ट्री में 300 बिलियन डॉलर से अधिक की हिस्सेदारी के साथ अग्रणी देश बन गया है। पिछले कुछ समय से इसरो विश्व में सबसे कम खर्च में सैटलाइट भेजने का काम कर रहा है। पीएसएलवी सी-42 पहली ऐसी उड़ान रही, जो पूरी तरह से व्यावसायिक रूप से भेजी गई। पिछले पांच महीने के बाद इसरो ने यह पहला सैटलाइट लॉन्च किया है।

इस लॉन्च से इसरो की व्यावसायिक विंग एंट्रिक्स को उम्मीद है कि भविष्य में भी लॉन्च के अवसर मिलेंगे और इसरो इससे अच्छी कमाई कर सकेगा। अप्रैल 2015 से लेकर मार्च 2018 तक इसरो ने कुल 5,600 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है, इसमें 10 से 20 फीसदी कमाई सैटलाइट लॉन्च से जबकि बाकी कमाई अन्य माध्यमों से आई है।

वर्तमान में इसरो के पास 84 क्लाइंट्स हैं, जो इसकी कम्युनिकेशन सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें रिलायंस और सन टीवी नेटवर्क जैसे बड़े समूह भी शामिल हैं। पिछले तीन सालों में इसको ने कुल 99 सैटलाइट भेजे हैं, जिनमें 69 विदेशी हैं। हाल ही में इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा था, ‘इसरो निकट भविष्य में एंट्रिक्स के लिए और पीएसएलवी लॉन्च करेगा।’

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