School Reopen हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक स्कूल खुल गए हैं। कोरोना महामारी (Covid Pandemic) की दूसरी लहर (Second Wave) के बाद देश की राजधानी दिल्ली (Capital of India Delhi) में स्कूल 1 सितंबर से रीओपन (Reopen) हो गए हैं। 17 माह बाद स्कूल खुला है। दिल्ली  के साथ उत्तर प्रदेश में भी स्कूल खुल गया है। वहीं तेलंगाना (Telangana) में कुछ जिलों में स्कूल खुला है।

दिल्ली में लंबे समय बाद स्कूल खुला तो शिक्षक बच्चों को देख कर भावुक हो उठे। बच्चों को कोरोना के भय से दूर करने के लिए शिक्षकों ने डांस कर उनका जोरदार स्वागत किया। बच्चें भी शिक्षकों के साथ नाच गाना करते नजर आए।

27 अगस्त को दिल्ली सरकार ने किया था फैसला

दिल्ली में अलग अलग चरणों में कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूल खुल गए हैं। स्कूल के साथ बच्चों की कोचिंग क्लासे भी खुल चुके हैं।

27 अगस्त को स्कूल खोलने की घोषणा करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि, स्‍कूल में सोशल दूरी का कड़ाई के साथ पालन किया जाएगा। साथ ही किसी भी छात्र को स्‍कूल आने के लिए बाध्‍य नहीं किया जाएगा। छात्र के स्‍कूल आने के लिए उनके अभिभावक से अनुमति लेनी होगी। यदि अभिभावक अपने बच्‍चे को स्‍कूल भेजने के लिए स्‍वीकृति नहीं देते हैं तो उस बच्‍चे को जबरदस्‍ती स्‍कूल नहीं बुलाया जाएगा और ना ही उसे अनुपस्थित माना जाएगा।

बता दें कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में गिरावट को देखते हुए, पिछले कुछ महीनों से यूपी में बंद 1 से 5 क्लास के स्कूल 1 सितंबर से खोल (UP School Reopen) दिए गए हैं। स्कूलों को खोलने के लिए सूबे की योगी सरकार ने हाल ही में इसकी घोषणा की थी और आदेश दिया था कि 4-4 घंटे की 2 शिफ्ट में क्लासेस चलाए जाएंगे। ऑफलाइन क्‍लासेज 24 अगस्‍त से खुल गई हैं।

वहीं तेलंगाना की बात करें तो यहां पर राज्य सरकार के आदेश के बाद भी कई स्कलू बंद पड़े हैं। लोगों के भीतर अभी भी कोरोना का डर बैठा हुआ है।

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बारिश में स्कूल जाते हुए बच्चे

यूपी के स्कूलों में 50% स्टूडेंट्स को ही बैठने की इजाजत मिलेगी

बता दें कि स्कूल तो खुल गए हैं लेकिन बच्चों को अभिभावक उन्हें अपनी मर्जी से स्कूल भेज सकते हैं। अगर बच्चा स्कूल नहीं आना चाहता है तो उसे शिक्षक दबाव में नहीं बुला सकता है। बच्चा स्कूल आए या न आए वह उपस्थित ही माना जाएगा।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली सरकार को सुझाव दिया था कि, स्कूलों को कई चरणों में खोला जा सकता है। इससे संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है। पहले चरण में सीनियर कक्षाओं के लिए स्‍कूल खुलेंगे और दूसरे फेज़ में कक्षा 6 से 8 के लिए स्‍कूल खुलेंगे। प्राथमिक कक्षाओं के स्‍कूल तीसरे फेज में खोले जाएं।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने पहले ही कहा था कि हम दिल्ली में स्कूलों को जल्द खोलने का प्रयास करेंगे। इस मुद्दे को लेकर जानकारों से विचार विमर्श चल रहा है। उन्‍होंने कहा था, “उन राज्यों का मिल-जुला अनुभव रहा है जिन्होंने स्कूलों को फिर से खोल दिया है। हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और जल्‍द फैसला लेंगे।”

स्कूलों को खोलने के आदेश के बाद यूपी के शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने साफ कहा है कि स्‍कूलों में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी और अगर कोविड की स्थिति बिगड़ती है तो स्कूल फिर से बंद हो सकते हैं। सरकार की ओर से जारी इस आदेश में बताया गया कि 1 शिफ्ट में क्लास में सिर्फ 50% स्टूडेंट्स को ही बैठने की इजाजत मिलेगी। बाकी बचे 50% स्टूडेंट्स दूसरी शिफ्ट में पढ़ेंगे।

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